अकाली दल को अपने किले बचाने के लिए झोंकनी पड़ेगी ताकत

Edited By Vatika,Updated: 24 Apr, 2019 10:03 AM

lok sabha election 2019

19 मई को होने जा रहे लोकसभा चुनाव में पंजाब की सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। आज अकाली दल की तरफ से बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल और फिरोजपुर से सुखबीर सिंह बादल को मैदान में उतारा गया है।

मलोट (जुनेजा): 19 मई को होने जा रहे लोकसभा चुनाव में पंजाब की सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। आज अकाली दल की तरफ से बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल और फिरोजपुर से सुखबीर सिंह बादल को मैदान में उतारा गया है। पंजाब के इतिहास में एक पार्टी की ओर से सांसद की 2 सीटों पर पति-पत्नी को उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारने की पहले कोई उदाहरण नहीं मिलती। 2014 में कांग्रेस की ओर से कैप्टन अमरेंद्र सिंह को अमृतसर और परनीत कौर को पटियाला से उम्मीदवार बनाया था। दोनों मुख्य पार्टियों की तरफ से अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बठिंडा और फिरोजपुर दोनों हलके इन चुनाव में महादंगल बन गए हैं। समझा जा रहा है कि अकाली दल के दशकों से कब्जे वाले अपने किले बचाने के लिए दोनों नेताओं को अपने क्षेत्रों में पूरी ताकत झोंकनी पड़ेगी।     

PunjabKesari
बठिंडा सीट का इतिहास 
1962 से लेकर 2014 तक हुए चुनाव में 9 बार यह सीट अकाली दल ने जीती है जबकि 2 बार कांग्रेस, 2 बार सी.पी.आई. और 1 बार अकाली दल मान के उम्मीदवार ने इस सीट पर जीत हासिल की है। 2009 और 2014 में अकाली दल की टिकट पर जीतकर केंद्रीय मंत्री बनी हरसिमरत कौर बादल का मुकाबला इस बार कांग्रेस नेता अमरिंद्र सिंह राजा वडि़ंग़ के साथ है। 

PunjabKesari
सियासी सफर 
हरसिरमत कौर बादल 

अकाली दल की उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल ने टैक्सटाइल डिजाइनिंग में ग्रैजुएशन की है। उनका विवाह 1991 में पंजाब के सब से बड़े राजनीतिक घराने प्रकाश सिंह बादल के सुपुत्र सुखबीर सिंह बादल के साथ हुआ। वह 2009 और 2014 में 2 बार बठिंडा से पार्लियामैंट जीतकर केंद्रीय मंत्री बन चुकी हैं। 

PunjabKesari
राजा वड़िंग 
कांग्रेस की ओर से बठिंडा से उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वडिंग़ ने अपना राजनीतिक करियर यूथ कांग्रेस के ब्लाक प्रधान से किया। वह दिसम्बर 14 से मई 18 तक आल इंडिया यूथ कांग्रेस के प्रधान रहे। 2012 और 2017 में 2 बार अकाली दल के गढ़ समझे जाते गिद्दड़बाहा हलके से चुनाव जीता जहां 1969 से लेकर 2007 तक 5 बार प्रकाश सिंह बादल और 4 बार मनप्रीत सिंह बादल विधायक बने थे। 

PunjabKesari
34 साल से  फिरोजपुर में कांग्रेस को नहीं नसीब हुई जीत 
पंजाब की पार्लियामैंट सीटों में से अकेली फिरोजपुर वह सीट है जहां 34 सालों के बाद कांग्रेस का उम्मीदवार नहीं जीत सका। इसके इतिहास पर नजर डालें तो कुल 15 चुनाव में 8 बार अकाली दल, 4 बार कांग्रेस, 2 बार बसपा, 1 बार अकाली दल मान के उम्मीदवार को जीत नसीब हुई है। 1985 में अंतिम बार कांग्रेस के गुरदयाल सिंह ढिल्लों ने यह सीट जीती थी जबकि उसके बाद हुए 8 चुनावों में कांग्रेस के लिए यह सीट दूर की कौड़ी बनी रही। इस बार कांग्रेस के शेर सिंह घुबाया का अकाली प्रधान सुखबीर सिंह बादल के साथ मुकाबला है। शेर सिंह घुबाया लगातार 2 बार इस सीट से जीतते आ रहे हैं। घुबाया ने इससे पहले कांग्रेस के नेताओं जगमीत बराड़ और सुनील जाखड़ को मात दी है।

PunjabKesari
सियासी सफर 
सुखबीर सिंह बादल 

सुखबीर सिंह बादल पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल के पुत्र हैं। पंजाब यूनिवॢसटी चण्डीगढ़ से उन्होंने एम.ए. अर्थशास्त्र की डिग्री हासिल की। इस उपरांत कैलीफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी लास एंजल्स से एम.बी.ए. की डिग्री ली। उनका विवाह 1991 में हरसिमरत कौर बादल के साथ हुआ। सुखबीर ने 1996, 1998 और 2004 में 3 बार लोकसभा हलका फरीदकोट से जीत हासिल की। वह 1999 में जगमीत सिंह बराड़ से फरीदकोट से एक बार संसद चुनाव हार गए थे परन्तु 2001 में रा’यसभा के लिए चुने गए और केंद्रीय मंत्री बने। वह 2008 में अकाली दल के प्रधान बने और उप मुख्यमंत्री बने। साल 2009, 2012 और 2017 में वह 3 बार जलालाबाद हलके से विधायक चुने गए। 

PunjabKesari
शेर सिंह घुबाया  
शेर सिंह घुबाया का जन्म 10 जून 1962 को फिरोजपुर में हुआ। उन्होंने मैट्रिक तक पढ़ाई की। घुबाया ने अकाली दल में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। पहले वह 1997 और फिर 2007 में जलालाबाद से विधायक बने। 2008 में उन्होंने जलालाबाद से सुखबीर सिंह बादल के लिए सीट खाली करने के लिए इस्तीफा दे दिया। पार्टी ने ईनाम के तौर पर उनको 2009 में फिरोजपुर लोकसभा से टिकट दी जहां उन्होंने जगमीत सिंह बराड़ को हराया। 2014 में दूसरी बार उन्होंने सुनील जाखड़ को फिरोजपुर संसदीय सीट से हराया। घुबाया खुद 2002 में एक बार जलालाबाद से हंस राज जोसन के मुकाबले विधायक का चुनाव हार गए थे। उनके पुत्र दविन्दर सिंह घुबाया फाजिल्का से विधायक हैं और पंजाब में सबसे कम उम्र के विधायक हैं। 


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!