पांच आम चुनावों में सिर्फ दो बार अपने हिस्से की सभी तीन सीटों पर जीती भाजपा

Edited By Vatika,Updated: 19 Apr, 2019 08:49 AM

lok sabha election 2019

वर्ष 1998 से लेकर अब तक भाजपा-अकाली दल गठबंधन के 21 वर्षों के इतिहास और इस दौरान लोकसभा के लिए हुए 5 आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी अपने हिस्से की तीन सीटों गुरदासपुर, अमृतसर और होशियारपुर में सिर्फ 2 बार जीत हासिल करने में कामयाब हुई है।

चंडीगढ़ (एच.सी. शर्मा): वर्ष 1998 से लेकर अब तक भाजपा-अकाली दल गठबंधन के 21 वर्षों के इतिहास और इस दौरान लोकसभा के लिए हुए 5 आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी अपने हिस्से की तीन सीटों गुरदासपुर, अमृतसर और होशियारपुर में सिर्फ 2 बार जीत हासिल करने में कामयाब हुई है। हालांकि इस दौरान अमृतसर सीट के लिए दो बार हुए उपचुनावों में भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी सीट दोबारा बचा पाने में कामयाब हुई हैं।

वर्ष 2007 के दौरान हुए उपचुनाव में तत्कालीन भाजपा सांसद व वर्तमान में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कोर्ट के फैसले के चलते त्यागपत्र देने के पश्चात दोबारा इस सीट पर जीत हासिल की थी, वहीं वर्ष 2017 में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अमृतसर से सांसद के रूप में त्याग पत्र देने के उपरांत हुए उपचुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार गुरजीत सिंह औजला ने जीत हासिल की थी। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार भाजपा सिर्फ वर्ष 1998 और 2004 के आम चुनाव में ही अपने हिस्से की तीनों सीटों पर जीत हासिल कर सकी, जबकि 1999 व 2009 के आम चुनाव में इसे सिर्फ 1-1 सीट पर ही जीत हासिल हो सकी। गत लोकसभा चुनाव में भाजपा को 2 सीटों गुुरदासपुर व होशियारपुर पर ही विजय हासिल हुई थी। अमृतसर की महत्वपूर्ण सीट पर इस चुनाव में कै. अमरेंद्र सिंह ने अरुण जेतली को हरा दिया था।


21 साल के शिअद-भाजपा गठबंधन का इतिहास
देशभर में भाजपा के पक्ष में मतदान प्रतिशत में कुछ आम चुनावों से दर्ज की जा रही बढ़ौतरी के बावजूद पंजाब में वोट शेयर में कमी दर्ज होती रही है। वर्ष 2004 के आम चुनाव में जब पार्टी ने अपने हिस्से की सभी तीनों सीटों पर जीत हासिल की थी तो 10.48 प्रतिशत मत मिले थे, लेकिन वर्ष 2009 में जब भाजपा सिर्फ अमृतसर सीट ही बचा पाई थी तो कुल मतदान के 10.06 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। वर्ष 2014 के आम चुनाव में जब देशभर में भाजपा व मोदी की लहर चल रही थी, तब भाजपा को पंजाब में बेशक तीन में से दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन उसके हिस्से के मतदान प्रतिशत में फिर गिरावट दर्ज हुई। इस चुनाव में पार्टी को 8.77 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला था।
 

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