7 प्रत्याशियों के चयन को लेकर सांसत में कांग्रेस, डगर नहीं आसान

Edited By Vatika,Updated: 05 Apr, 2019 09:36 AM

lok sabha election 2019

2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 6 उम्मीदवारों के नामों को हरी झंडी दे दी है परंतु स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी और सैंट्रल इलैक्शन कमेटी की सर्वे रिपोर्टों के समातंर न होने के कारण बाकी 7 सीटों से चयन को लेकर...

जालंधर(चोपड़ा): 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 6 उम्मीदवारों के नामों को हरी झंडी दे दी है परंतु स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी और सैंट्रल इलैक्शन कमेटी की सर्वे रिपोर्टों के समातंर न होने के कारण बाकी 7 सीटों से चयन को लेकर मतभेद उभरने के चलते हालात दुविधापूर्ण हो गए हैं, जिस कारण पंजाब से संबंधित बाकी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा चंद दिनों के लिए खटाई में पड़ गई है।
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ऐसे में 7 प्रत्याशियों के चयन को लेकर सांसत में फंसी कांग्रेस की डगर आसान नहीं लग रही है। कांग्रेस की सैंट्रल इलैक्शन कमेटी की राहुल गांधी की अध्यक्षता में विगत मंगलवार को हुई बैठक में सभी 13 सीटों पर विचार-विमर्श हुआ था परंतु 7 सीटों पर कमेटी की सहमति न बन पाने के कारण इन्हें पैंडिंग कर दिया गया। करीब 50 मिनट तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की पत्नी परनीत कौर को पटियाला व होशियारपुर से विधायक डा. राजकुमार चब्बेवाल की टिकट पर मोहर लग गई। इसके अलावा आलाकमान ने पार्टी के मौजूदा चारों सांसदों को टिकट देने का फैसला लिया जिस पर सांसद सुनील जाखड़, संतोख सिंह चौधरी, रवनीत सिंह बिट्टू, गुरजीत सिंह ओजला को क्रमश: गुरदासपुर, जालंधर, लुधियाना व अमृतसर से चुनाव मैदान में उतारा गया। यूं तो इन सीटों पर कोई विवाद नहीं था परंतु डा. मनमोहन सिंह ने अपने वीटो पावर का उपयोग करते हुए सांसद औजला को टिकट दिलवा दी।
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कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने भी औजला के स्थानीय विधायकों में चल रहे गिले-शिकवे दूर करवाने को लेकर राहुल गांधी को आश्वस्त किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मानना है कि कांग्रेस पंजाब में मजबूत स्थिति में है, ऐसे में चयन प्रक्रिया को लेकर कोई जल्दबाजी न हो। कांग्रेस भी अपने विरोधी अकाली दल द्वारा उम्मीदवार घोषित करने के बाद ही अपने पत्ते खोलना चाहती है।सबसे बड़ी समस्या भटिंडा सीट पर बनी हुई है जहां से अकाली दल की तरफ से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का चुनाव लडऩा तय माना जा रहा है परंतु कांग्रेस के पास उन्हें टक्कर देने को कोई सशक्त उम्मीदवार नहीं मिल रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू को हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ चुनाव लड़वा सकती है परंतु सिद्धू ने चंडीगढ़ से टिकट मांगी थी जहां से कांग्रेस ने पवन कुमार बंसल को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
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अब नवजोत कौर सिद्धू ने कहा है कि वह किसी अन्य हलका से चुनाव नहीं लडऩा चाहती हैं। इसके अलावा पार्टी के लिए संगरूर सीट पर भी दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। ‘आप’ के सांसद भगवंत मान के खिलाफ उम्मीदवार उतारने को पार्टी के पास पूर्व सांसद विजयइंद्र सिंगला विकल्प के तौर पर मौजूद थे परंतु उन्होंने पंजाब मंत्रिमंडल में होने के कारण चुनाव न लडऩे का फैसला किया है।कैप्टन अमरेन्द्र अपने पुराने साथी केवल ढिल्लों का समर्थन कर रहे थे परंतु पार्टी ने ढिल्लों के नाम पर कोई फैसला नहीं लिया। कैप्टन अमरेन्द्र खंडूर साहिब से पूर्व विधायक जसबीर डिंपा को चुनाव लड़वाना चाहती है। श्री आनंदपुर साहिब में भी कांग्रेस की प्रदेश व राष्ट्रीय इकाई के सर्वे में जो आंकड़े आए उसमें नेता उलझ गए हैं। पंजाब कांग्रेस का तर्क है कि आनंदपुर साहिब सीट हिंदू है जबकि ए.आई.सी.सी. के आंकड़े कुछ और कह रहे हैं। कैप्टन ने श्री आनंदपुर साहिब से मुनीश तिवाड़ी के नाम का सुझाव दिया था परंतु उनके द्वारा 2014 के लोकसभा चुनावों में चुनाव न लडऩे के फैसले के कारण तिवाड़ी को चंडीगढ़ से भी टिकट नहीं दी। अब सैंट्रल इलैक्शन कमेटी की अगली बैठक तक पंजाब में टिकट पाने के इच्छुक नेताओं की सांसें लगातार लटकी रहेगी। 

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