Edited By Vatika,Updated: 18 Mar, 2019 09:31 AM
मुख्यमंत्री ने पटियाला, फतेहगढ़ साहिब व संगरूर की लोकसभा सीटों की रणनीति बनाने कई कैबिनेट मंत्री, विधायक व पार्टी के सीनियर नेता मोती बाग पैलेस में बुलाए हुए हैं।
पटियाला(राजेश): मुख्यमंत्री ने पटियाला, फतेहगढ़ साहिब व संगरूर की लोकसभा सीटों की रणनीति बनाने कई कैबिनेट मंत्री, विधायक व पार्टी के सीनियर नेता मोती बाग पैलेस में बुलाए हुए हैं।
वर्ष 2014 में महारानी परनीत कौर को पटियाला में पराजय का सामना करना पड़ा था जबकि यह सीट सीधे तौर पर मोती महल के साथ जुड़ी हुई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अपनी सीट होने के चलते इस बार पटियाला सीट को बड़े अंतर से जीतने के लिए मुख्यमंत्री खुद पटियाला सीट की निगरानी करेंगे। पटियाला लोकसभा सीट के अधीन पड़ते 9 विधानसभा हलकों में से 7 पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है। इसके अलावा पटियाला से ही मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा, कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन (कैबिनेट रैंक) लाल सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार (मंत्री रैंक) भरतइंद्र सिंह चाहल व पी.आर.टी.सी के चेयरमैन के.के. शर्मा पटियाला से ही हैं। सरकार में इतनी बड़ी हिस्सेदारी होने के चलते कांग्रेस पार्टी व मुख्यमंत्री इस सीट को बड़े अंतर से जीतने के प्रयास में हैं।
भाई राजा मालविंद्र के घर पहुंचे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह
लोकसभा चुनाव के चलते राजसी परिवारों की हो रही बगावत के मद्देनजर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह अपने छोटे भाई राजा मालविंद्र सिंह के घर पहुंचे। इस दौरान कैप्टन के साथ महारानी परनीत कौर भी मौजूद थीं। राजसी परिवारों की उठापटक के बीच मुख्यमंत्री का अपने भाई के घर पहुंचना घर को संभाले रखने की कार्रवाई माना जा रहा है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले राजा मालविंद्र सिंह पार्टी से बगावत करके अकाली दल में शामिल हो गए थे, जिसका कांग्रेस पार्टी व कैप्टन अमरेंद्र सिंह को निजी तौर पर काफी नुक्सान हुआ था और पंजाब में फिर से अकाली-भाजपा सरकार रिपीट हो गई थी। अकाली दल ने चूंकि राजा मालविंद्र को ज्यादा तवज्जो नहीं दी थी और 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट देने से मना कर दिया था, उसके बाद से ही उनका अकाली दल से मोहभंग हो गया था। सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव में राजा मालविंद्र सिंह को सक्रिय करने के मकसद से ही मुख्यमंत्री ने राजा मालविंद्र सिंह के घर काफी समय बिताया।