Edited By swetha,Updated: 24 Dec, 2018 08:36 AM
लोकसभा चुनाव-2019 में तकरीबन 6 माह का समय बाकी रह गया है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी कसरत शुरू कर दी है। केंद्र में सत्ताधारी भाजपा दोबारा सत्ता में आने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। मगर पंजाब की बात करें तो इस बार भाजपा की...
जालंधर(रविंदर): लोकसभा चुनाव-2019 में तकरीबन 6 माह का समय बाकी रह गया है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी कसरत शुरू कर दी है। केंद्र में सत्ताधारी भाजपा दोबारा सत्ता में आने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। मगर पंजाब की बात करें तो इस बार भाजपा की झोली खाली रह सकती है। एक तो विधानसभा चुनाव व नगर निगम चुनावों में बुरी हार के बाद पार्टी दोबारा उभर नहीं पाई है, वहीं भाजपा कोटे की तीनों सीटों पर प्रत्याशियों की हालत भी बेहद पतली है। पार्टी के अंदरूनी सर्वे ने ही तीनों सीटों की पोल खोल कर रख दी है।
उपचुनाव में भाजपा को करना पड़ा था हार का सामना
ज्ञात रहे कि पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से भाजपा के कोटे में मात्र तीन सीटें होशियारपुर, गुरदासपुर व अमृतसर ही आती हैं। अन्य 10 सीटों पर सहयोगी पार्टी अकाली दल चुनाव लड़ता है। 2014 में भाजपा ने गुरदासपुर व होशियारपुर की सीट जीती थी। मगर अमृतसर की सीट से पार्टी के दिग्गज नेता अरुण जेतली कांग्रेस के कै. अमरेंद्र सिंह से चुनाव हार गए थे। विधानसभा चुनाव के दौरान कैप्टन ने अमृतसर सीट को छोड़ दिया था तो दूसरी तरफ भाजपा के गुरदासपुर से सांसद विनोद खन्ना का निधन हो गया था। गुरदासपुर उपचुनाव में कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने बड़े मार्जन से भाजपा के स्वर्ण सलारिया को मात देकर सीट कांग्रेस की झोली में डाली थी तो अमृतसर उपचुनाव में कांग्रेस ने गुरजीत सिंह औजला को मैदान में उतारा था। औजला ने भाजपा प्रत्याशी राजिंदर मोहन सिंह छीना को बड़े मार्जन से उपचुनाव में मात दी थी। ऐसे में फिलहाल पंजाब से एकमात्र सीट होशियारपुर से विजय सांपला के रूप में भाजपा के पास है।
हिंदी भाषा इलाकों में भी भाजपा स्थिति कमजोर
उत्तर भारत और खास तौर पर हिंदी भाषा इलाकों में भाजपा की स्थिति पिछली बार से कमजोर होती नजर आ रही है। ऐसे में भाजपा इस बार पंजाब पर अपना फोकस करने का प्रयास कर रही है। मगर अकाली दल के राजनीतिक हालात हाशिए पर चले जाने से भाजपा को भी इसका नुक्सान हो रहा है। भाजपा इस बार अकाली दल पर तीन की बजाय 5 सीट छोड़ने का दबाव बना रही है।
मगर भाजपा के अपने कोटे की पुरानी तीन सीटों पर पार्टी की हालत बेहद पतली है। पार्टी के अंदरूनी सर्वे में यह बात सामने आई है कि इन तीनों सीटों पर भाजपा बुरी तरह से हार रही है। अमृतसर व गुरदासपुर में भाजपा बुरी तरह से बिखरी हुई है तो होशियारपुर में भाजपा के मौजूदा सांसद विजय सांपला केंद्र में मंत्री होने के बावजूद अपनी छाप नहीं छोड़ सके हैं। वैसे भी विजय सांपला पिछला चुनाव मात्र 13 हजार मतों के अंतर से ही जीतने में सफल रहे थे। ऐसे में पार्टी अब तीनों सीटों पर नए सशक्त चेहरों को उतारने का मन बना रही है।
उपचुनाव रिजल्ट
1. अमृतसर सीट कांग्रेस के गुरजीत औजला ने भाजपा के राजिंदर मोहन सिंह छीना को 199,189 मतों के बड़े मार्जन से हराकर जीती।
2. गुरदासपुर सीट कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने भाजपा के स्वर्ण सलारिया को 193,000 मतों के बड़े मार्जन से हराकर जीती।
2014 में भाजपा का प्रदर्शन
सीट |
कांग्रेस |
भाजपा |
मार्जन |
अमृतसर |
कैप्टन अमरेंद्र सिंह |
अरुण जेतली |
102,770 |
गुरदासपुर |
प्रताप सिंह बाजवा |
विनोद खन्ना |
136,665 |
होशियारपुर |
मोहिंदर सिंह केपी |
विजय सांपला |
3582 |