Edited By Vatika,Updated: 24 May, 2019 11:54 AM
लोकसभा मतदान की गिनती दौरान शिरोमणि अकाली दल बादल को भले ही अपनी आशा के अनुसार कोई बड़ा हुंगारा नहीं मिला, परन्तु इसके बावजूद अकाली दल की जड़ों को अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल व उनकी धर्मपत्नी हरसिमरत कौर बादल ने कायम रखा है।
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): लोकसभा मतदान की गिनती दौरान शिरोमणि अकाली दल बादल को भले ही अपनी आशा के अनुसार कोई बड़ा हुंगारा नहीं मिला, परन्तु इसके बावजूद अकाली दल की जड़ों को अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल व उनकी धर्मपत्नी हरसिमरत कौर बादल ने कायम रखा है।
उल्लेखनीय है कि सुखबीर बादल और हरसिमरत कौर बादल जिला श्री मुक्तसर साहिब के अधीन आते गांव बादल के निवासी हैं। फिरोजपुर लोकसभा हलके से अकाली-भाजपा के सांझे उम्मीदवार सुखबीर सिंह बादल ने और चर्चित लोकसभा हलका बठिंडा से अकाली-भाजपा की सांझी उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल ने पहले राऊंड से बनाई हुई लीड को बरकरार रखते हुए अपनी जीत दर्ज की। सुखबीर बादल लोकसभा हलका फिरोजपुर से चुनाव लड़कर पंजाब में से सबसे अधिक लगभग 1,96,452 वोट के साथ जीत प्राप्त करके सांसद बने जबकि हरसिमरत कौर बादल बठिंडा लोकसभा हलके से लगभग 21,412 वोटों के साथ जीत कर सांसद चुनी गई हैं।
उल्लेखनीय है कि पंजाब की 12 लोकसभा की सीटों में से शिरोमणि अकाली दल ने 10 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे, परन्तु बठिंडा और फिरोजपुर को छोड़ कर बाकी सभी स्थानों पर अकाली दल यह चुनाव हार गया है। यदि देखा जाए तो अकाली दल राज्य में बड़ी राजनीतिक पार्टी थी और भारतीय जनता पार्टी उसकी सहयोगी पार्टी थी, परन्तु भाजपा के भी पंजाब में से 2 उम्मीदवार सन्नी दयोल और सोम प्रकाश चुनाव जीते हैं जबकि अकाली दल के भी 2 ही उम्मीदवार जीते हैं, जिस कारण अकाली दल पर एक सवालिया निशान बन गया है।