अमृतसर: गुरु नानक देव अस्पताल में बढ़ रहा है कोरानावायरस का लोड, डॉक्टरों ने दी चेतावनी !

Edited By Suraj Thakur,Updated: 05 May, 2020 06:27 PM

load of coranavirus is increasing in amritsar

डॉक्टरों ने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर सख्त एतराज प्रकट किया है, प्रशासन इस मामले में कुंभकरणी नींद सोए हुए है।

अमृतसर (दलजीत शर्मा) गुरु नानक देव अस्पताल कोरोना वायरस के मरीजों का हब बन गया है सेहत विभाग की गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए प्रशासन द्वारा बिना लक्षणों वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों को कोविड- केयर सेंटर में भेजने की बजाए प्रशासन द्वारा गुरु नानक देव अस्पताल में भर्ती रखा गया है। प्रशासन के ढूल मूल रवैये के कारण हवा में वायरस लोड काफी बढ़ गया है। डॉक्टरों ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर जहां उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर सख्त एतराज प्रकट किया है वहीं स्थानीय प्रशासन अभी भी इस मामले में कुंभकरणी नींद सोए हुए है।

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जानकारी अनुसार जिला प्रशासन द्वारा श्री हजूर साहिब से आने वाले श्रद्धालुओं में से 196 करोना पॉजिटिव मरीजों को गुरु नानक देव अस्पताल की आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। इनमें से अधिकतर मरीजों को कोई भी लक्षण नहीं है, परंतु उनकी टेस्टिंग रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अस्पताल में इस समय 211 करोना पॉजिटिव मरीज दाखिल हैं। इससे पहले पंजाब सरकार के सेहत विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी करते हुए उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि जिन मरीजों में करुणा का कोई भी लक्षण नहीं हैं, परंतु उनकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव है उनको कोविड केयर सेंटर में रखा जाए। विभाग द्वारा इस संबंध में अमृतसर, जालंधर, लुधियाना में यह सेंटर्स बनाए थे। जिसका इंचार्ज सीनियर मेडिकल अधिकारी को लगाया गया था परंतु प्रशासन द्वारा कोविड- केयर सेंटर में 196 मरीजों को भेजने की बजाय गुरु नानक देव अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करवा दिया गया है। अस्पताल में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण हवा में वायरस लोड बढ़ गया है। मेडिसन विभाग के डॉक्टरों द्वारा उच्च अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखकर गाइडलाइंस का हवाला देते हुए तुरंत मरीजों को केयर सेंटर में भेजने की मांग की है। कई डॉक्टरों ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि गुरु नानक देव अस्पताल कोरोना का हब बन गया है। अब तो उन्हें भी डर सताने लग पड़ा है कि कहीं उनकी इम्यूनिटी कम हो गई तो हवा से यह वायरस लोड उनके अंदर भी ना चला जाए। उनका कहना था कि अस्पताल में इमरजेंसी तथा ओपीडी सेवाएं चल रही हैं। जिनमें अन्य बीमारियों के शिकार मरीज आ रहे हैं। ऐसे हालात में उक्त मरीज भी करो ना की लपेट में आ सकते हैं। इस संबंध में जब डिप्टी कमिश्नर शिव दुलार सिंह ढिल्लों से फोन पर संपर्क करना चाहा तो संपर्क नहीं हो पाया जबकि गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर रमन शर्मा ने भी पहले की भांति अपना फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।

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डॉक्टरों के जोरदार विरोध के बाद हुई हाई पावर मीटिंग
बिना लक्षण वाले करो ना पॉजिटिव मरीजों को गुरु नानक देव अस्पताल में रखने का डॉक्टर द्वारा जोरदार विरोध करने के बाद आज उच्च अधिकारियों द्वारा हाई पावर मीटिंग बुलाई गई जिसमें सरकार द्वारा तैनात किए गए डॉ बीएल गोयल डॉक्टर संतोष सिंह डॉक्टर अजय छाबड़ा सहित अन्य उच्च अधिकारी शामिल हुए सूत्र बताते हैं कि उच्च अधिकारियों ने डॉक्टरों की विनोद ता को सही बताया है तथा प्रशासन के उच्च अधिकारियों से बातचीत करके जिन मरीजों में कोई भी लक्षण नहीं है उन्हें केयर सेंटर में भेजने की अपील की है तथा अधिकारियों ने भी इस संबंध में 2 दिन का समय मांगा है।

 

सुबह सैर करने की इजाजत ना देने पर डॉक्टरों तथा मरीजों में बहस
गुरु नानक देव अस्पताल की आइसोलेशन वार्ड में दाखिल बिना लक्षणों वाले कुछ करो ना पॉजिटिव मरीजों ने आज सुबह सैर करने की इजाजत ना मिलने पर डॉक्टरों के साथ बहस बाजी की है। जिसके बाद हालात बिगड़ते देख कर डॉक्टर द्वारा वार्डों के बाहर पुलिस तैनात की गई है। डॉक्टरों ने बताया कि चाहे इन मरीजों में लक्षण कोई नहीं है। परंतु यह कोरोना पॉजिटिव है अगर यह किसी स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं तो उसे भी पॉजिटिव बना देंगे। मरीजों को समझा कर वार्डों में रखा गया है तथा उन्हें विभाग के निर्देशों की पालना करने के लिए बताया गया है।

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करोना लेबोरेटरी में टेस्ट करने वाले 20 डॉक्टरों की रिपोर्ट आई नेगेटिव
करोना लेबोरेटरी में तैनात टेक्नीशियन विशाल कुमार की रिपोर्ट करो ना पॉजिटिव आने के बाद लेबोरेटरी में तनाव तथा कर्मचारियों में भय का आलम था डाक्टरों तथा कर्मचारियों द्वारा कल ही अपने आपको क्वॉरेंटाइन करके क्रोनाका टेस्ट करवाया गया था जिसमें 20की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है रिपोर्ट ठीक आने के बाद डॉक्टर ने सुख की सांस ली है बताने योग्य है कि विशाल कुमार पिछले कई महीनों से करुणा लेबोरेटरी में काम कर रहा था तथा उसका टेस्ट करो ना पोस्ट ही आया था।

 

डॉ केडी के नेतृत्व वाली टीम के क्वारंटाइन होते ही रुका करोना टेस्टिंग का काम
कोरोना लेबोरेटरी में डॉ केडी के नेतृत्व में सारी टीम अमृतसर सहित 7 जिलों की टेस्टिंग 3 शिप्टों में लग्न तथा मेहनत से कर रही थी। परंतु अचानक ही टेक्नीशियन का टेस्ट करो ना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें क्वारंटाइन होना पड़ा। जिसके बाद कामकाज देखने की जिम्मेवारी माइक्रोबायोलॉजी विभाग की मुखी डॉ लवीना को सौंप दी गई। परंतु जो काम पहली टीम कर रही थी वह विभाग की मुखी के नेतृत्व वाली टीम नहीं कर पाई। कई जिलों के तो लगने वाले टेस्ट भी नहीं लगाए गए 6 जिलों के अधिकारी रिपोर्ट के लिए मेडिकल कॉलेज से संपर्क करते रहे परंतु टेस्ट ना होने के कारण उन्हें मायूसी का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि डॉ केडी का अच्छा कार्य देखकर उच्च अधिकारी उन्हें दोबारा काम पर आने की अपील कर रहे हैं।

 

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सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने की मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल से बात
सरकारी मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर जिनकी ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में लगाई गई है। वह अपनी मांगों के संबंध में सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर सुजाता शर्मा को मिले। डॉक्टरों ने प्रिंसिपल को बताया कि वह आर्थो सर्जरी तथा स्किन विभाग से संबंधित है। आइसोलेशन वार्ड में उनका काम क्या होगा इस संबंध में स्पष्ट नहीं किया गया है। जिसके बाद डॉक्टर सुजाता शर्मा ने बताया कि वार्ड में दाखिल मरीजों का मेडिसन विभाग के पीजी के साथ मिलकर उन्हें तालमेल के साथ ध्यान रखना है। डॉक्टर सुजाता ने सीनियर रेजिडेंट को बताया कि यह मुश्किल की घड़ी है। सभी को इस आपदा में अपनी मोरल ड्यूटी निभाते हुए काम करना चाहिए।
 

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