Edited By Updated: 21 Feb, 2017 11:19 AM
भारत निर्वाचन आयोग (ईसी) ने आज पंजाब सिविल सेवा (पीसीएस) के अधिकारी आनंद सागर शर्मा को रिटर्निंग अधिकारी गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र के (आरओ) के रूप में हटाने का फैसला किया है।
चंडीगढ़ः भारत निर्वाचन आयोग (ईसी) ने आज पंजाब सिविल सेवा (पीसीएस) के अधिकारी आनंद सागर शर्मा को रिटर्निंग अधिकारी गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र के (आरओ) के रूप में हटाने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि बादल सरकार के राज में अकाली नेताओं द्वारा मिलीभगत करके किए गए 100 करोड़ रुपए के जमीन घोटाले की तपश एक बार फिर से तेज हो गई है। विजीलैंस विभाग ने जालंधर-होशियारपुर-चिंतपूर्णी फोर लेन मार्ग के तहत पड़ते सिंगड़ीवाला बाईपास जमीन घोटाले में जांच करने उपरांत तीन अकाली नेताओं, अधिकारियों सहित 13 लोगों पर मामला दर्ज कर लिया था। इसकी खबर मिलने पर जहां अकाली नेता अंडर ग्राउंड हो चुके हैं वहीं अधिकारी वर्ग में भी खलबली मची हुई है।
पिछले साल जून माह फोरलेन संबंधी बाईपास का नोटिफीकेशन हो जाने के उपरांत किसानों से सस्ते भाव जमीनें लेकर सरकार को महंगे भाव बेचने का मामला प्रकाश में आया था। इस संबंधी उस दौरान मुख्यमंत्री ने एस.टी.आई. गठित करके मामले की जांच के आदेश दिए थे तथा इस संबंधी 6 सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था। परन्तु चुनाव के चलते इस जांच को दबा दिया गया था तथा अब जबकि चुनाव संपन्न हो चुके हैं तो मामले में कार्रवाई करते हुए विजीलैंस विभाग ने तत्कालीन एस.डी.एम. आनंद सागर शर्मा, तहसीलदार बलजिंदर सिंह, नायब तहसीलदार मनजीत सिंह, पटवाली दलजीत सिंह, परमिंदर सिंह, क्लर्क संदीप कुमार, रजिस्ट्री क्लर्क सुखविंदर सिंह सोढी, देवी दास, मार्किट कमेटी के चेयरमैन अवतार सिंह जौहल, सहकारी बैंक होशियारपुर के चेयरमैन सतविंदरपाल सिंह ढट्ट, अकाली पार्षद हरपिंदर सिंह लाडी, जसविंदर सिंह, व्यवसायी प्रतीक गुप्ता पर मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरु कर दी थी।