साफ छवि वाले लोगों की कमी के चलते हारी ‘आप’

Edited By Updated: 23 Mar, 2017 01:10 AM

lack of clean image due to lack of aap

पंजाब में हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में जालंधर छावनी.....

जालंधर(पाहवा): पंजाब में हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में जालंधर छावनी में भारी मतों से जीते पूर्व हाकी प्लेयर परगट सिंह का कहना है कि पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक बेहतर सरकार का उदय हुआ है। परगट सिंह ने आम आदमी पार्टी को नासमझों की टोली करार दिया। राज्य में गुड गवर्नैंस के लिए परगट सिंह खर्चों में कटौती के पक्ष में हैं तथा साथ ही लाल बत्ती कल्चर समाप्त करने के लिए कैप्टन के मुरीद भी हैं। इन मसलों पर परगट सिंह से बातचीत की गई। प्रस्तुत हैं उसके अंश: 

प्रश्र: पंजाब में अकाली दल छोड़ कांग्रेस को क्यों चुना?
उत्तर: अकाली दल में अपनी बात रखने की आजादी नहीं है। ऐसे में सत्ता का केंद्रीयकरण पूरी तरह से हावी है। इस घुटन में मैं काम नहीं कर सकता था इसलिए मुझे बाहर आना पड़ा। 

प्र.: ‘आप’ या किसी अन्य दल की बजाय कांग्रेस को क्यों चुना?
उ.: अकाली दल से बाहर आने के बाद मेरी आम आदमी पार्टी से भी बात हुई। बातचीत में मुझे लगा कि आम आदमी पार्टी के नेता नासमझों की टोली हैं जिन्हें पंजाब के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यही कारण है कि मैंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने को पहल दी। वैसे भी निदेशक के पद पर रहते हुए मैंने कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ काम किया हुआ है तथा उनकी कामकाज की शैली से मैं प्रभावित हूं। 

प्र.: आम आदमी पार्टी के दावे खोखले कैसे हो गए?
उ.: पंजाब में आम आदमी पार्टी जमीन पर कहीं थी ही नहीं। सोशल मीडिया पर ही आम आदमी पार्टी का पूरा ध्यान रहा। ‘कट कॉपी पेस्ट’ कीनीति पर चल रही आम आदमी पार्टी को अंतत: पंजाब के लोगों ने जमीन दिखा दी। वैसे भी पंजाब के लोग बेहतर लोगों को पहल देते आए हैं और वही इस बार भी हुआ। 

प्र.: विधायक बनने पर राज्य स्तर पर आपकी क्या पहल रहेगी? 
उ.: पंजाब में पिछले समय में सरकारी फंड को काफी नुक्सान होता रहा है। कोशिश यही रहेगी कि जनता की भलाई के साथ-साथ सरकारी राजस्व में भी अधिक से अधिक फंड जुटाए जाएं ताकि पंजाब फिर से खुशहाल पंजाब के तौर पर सामने आ सके। उदाहरण के तौर पर पंजाब में माइनिंग के धंधे में सरकारी राजस्व में केवल 112 करोड़ का फंड ही आता है जबकि इससे कमाई 5000 करोड़ से भी अधिक है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में ऐसी व्यवस्था को पहल दी जा रही है ताकि सरकारी राजस्व में भी फंड शामिल हो तथा लोगों को महंगी रेत इत्यादि भी सस्ती मिल सके। 

प्र.: राज्य की कैप्टन सरकार के सामने क्या चुनौतियां हैं?
उ.: कैप्टन सरकार ने जब पंजाब में सत्ता संभाली है तो खजाना लगभग खाली है। पंजाब पर 2 लाख करोड़ का कर्ज है। सबसे पहले तो इसके लिए सरकार को कदम उठाने होंगे। आबकारी नीति में बदलाव के तहत भविष्य में निगम बना कर उसके तहत राज्य के शराब ठेके चलाए जाने कीजो योजना है, उससे सरकार को काफीलाभ होगा। इसके अतिरिक्त राज्य में खर्चों में कुछ कटौती करनी जरूरी होगी। 

प्र.: वी.आई.पी. कल्चर पर मुख्यमंत्री कैप्टन के फैसले पर आप क्या कहेंगे?
उ.: राज्य की सड़कों पर लाल बत्ती तथा सायरन लगा कर इधर से उधर घूमने का कोई औचित्य नहीं है। इससे केवल एनर्जी का नुक्सान होता है। कैप्टन ने इस संबंध में जो भी आदेश जारी किए हैं, जिसमें लाल बत्ती पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, वह एक उचित फैसला है। इस प्रकार के फैसलों से जनता तथा सरकार के बीच जो दूरी पैदा हो गई थी, वह समाप्त हो गई। 

प्र.: जालंधर छावनी विधानसभा क्षेत्र के लिए आपकी क्या पहल रहेगी?
उ.: छावनी के लोगों के लिए मैंने सदा ही बेहतर काम करने की कोशिश की है। अब भी छावनी के लोगों को बेहतर सुविधाएं देने की मेरी पहल होगी। क्षेत्र में सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट को लेकर जो प्रोजैक्ट लगाया जा रहा था, उस पर राज्य की नई सरकार ने पुनर्विचार शुरू कर दिया है। कैंट क्षेत्र में जमशेरपुर खास में भारी मात्रा में गाय-भैंस लोगों ने पाल रखे हैं। इन पशुओं से रोजाना 8.5 ली. दूध जालंधर तथा आसपास के क्षेत्रों में पहुंचता है। कूड़े को जलाने से जो गैस निकलती है, उसका असर पशुओं तथा उनके दूध पर भी पडऩा जाहिर है। ऐसे में इस प्रकार का प्रोजैक्ट ऐसे क्षेत्र में लगाए जाने का कोई मतलब नहीं था।

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