Edited By Mohit,Updated: 12 Sep, 2020 07:13 PM
कांग्रेस हाईकमान द्वारा पार्टी में बड़ा फेरबदल किया गया है। इस फेरबदल से पंजाब कांग्रेस को झटका लगा है।
जालंधरः कांग्रेस हाईकमान द्वारा पार्टी में बड़ा फेरबदल किया गया है। इस फेरबदल से पंजाब कांग्रेस को झटका लगा है। हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस की इंचार्ज आशा कुमारी की पद से छुट्टी करके उनकी जगह हरीश रावत को पंजाब कांग्रेस का नया इंचार्ज नियुक्त किया है। हरीश रावत उत्तराखंड के चोटी के लीडरों में से एक हैं, जिन्होंने 1980 में भाजपा के प्रमुख नेता मुरली मनोहर जोशी को हराया था। रावत पहाड़ी राज्य में पांच बार मेंबर पार्लियामेंट रह चुके हैं और 2012 से 2014 के दौरान मनमोहन सिंह की सरकार में जल संसाधन मंत्री रह चुके हैं।
रावत इंडियन यूथ कांग्रेस के मैंबर भई रह चुके हैं और उनके राजनीतिक कैरियर ने उस वक्त उड़ान भरी जब उन्होंने सातवीं लोकसभा चुनावों के दौरान 1980 में अलमोड़ा संसदी सीट पर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता मुरली मनोहर जोशी को मात दी। उसके बाद उन्होंने आठवीं और नौवीं लोकसभा चुनावों में भी जीत हासिल की।
वह साल 2000 में उस वक्त राज्य पार्टी इकाई के प्रधान बनाए गए जब उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग किया गया। साल 2002 में वह राज्यसभा के मैंबर चुने गए। साल 2009 में लोकसभा चुनावों के दौरान अनुसूचित जाति के लिए सीट रिजर्व होने पर उनको अपनी अल्मोड़ा सीट छोड़नी पड़ी। उसके बाद रावत हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे। उन्होंने भाजपा के स्वामी यतीश्वरानंद गिरि को तीन लाख से अधिक वोटों के फर्क से हराया। रावत को 2014 में उस समय मुख्यमंत्री बनाया गया जब उनके पार्टी सहयोगी विजय बहुगुणा पर जुलाई 2013 में आई कुदरती कहर को ठीक तरह से ना चलाने का आरोप लगा।
2017 के दौरान दो सीटों पर हारे थे रावत
रावत 2017 की विधानसभा चुनावों के दौरान हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा दोनों जगह से हार गए। कांग्रेस को उनकी अगुवाई में वहां 70 सीटों में 11 सीटें ही हासिल हो सकी जबकि भाजपा ने 57 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2017 में मिली हार के बावजूद कांग्रेस हाईकमान ने रावत पर फिर भरोया दिखाया और उन्हें 2019 की लोकसभा चुनाव के दौरान नैनीताल-उद्दमसिंह नगर लोकसभा सीट से मैदान पर उतार दिया। इन चुनावों में भी वह भाजपा के अजय भट्ट के हाथों4 लाख से अधिक फर्क से हार गए।