Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jul, 2018 03:07 PM
गन्ना काश्तकारों की समस्याओं और मांगों के हल के लिए आज डिप्टी कमिश्नर गुरलवलीन सिंह सिद्धू की तरफ से अलग-अलग किसान जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों और गन्ना काश्तकारों के साथ बैठक की गई।
गुरदासपुर(हरमनप्रीत/ दीपक): गन्ना काश्तकारों की समस्याओं और मांगों के हल के लिए आज डिप्टी कमिश्नर गुरलवलीन सिंह सिद्धू की तरफ से अलग-अलग किसान जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों और गन्ना काश्तकारों के साथ बैठक की गई।
इस मौके सकत्तर सिंह बल्ल एस.डी.एम. ने भी बैठक में हिस्सा लिया। डिप्टी कमिश्नर सिद्धू ने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से गन्ना काश्तकारों की बकाया राशि का मामला सरकार के ध्यान में ला दिया गया है, आशा है कि बकाया राशि जल्दी रिलीज हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले सीजन दौरान गन्ना काश्तकारों और अन्य किसानों को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी।
राज्य सरकार की तरफ से बटाला में नई मिल और पनियाड़ मिल की कार्य क्षमता में विस्तार किया जा रहा है, जिस से गन्ना काश्तकारों की समस्याएं हल हो जाएंगी। इस मौके किसान जत्थेबंदियों और गन्ना काश्तकारों ने डिप्टी कमिश्नर से मांग की कि कि सीजन दौरान गन्ने की पर्ची समय पर दी जाए, गन्ना बांड किया जाए, मिल चलाने का समय बढ़ाया जाए, गन्ने का शीरा इकट्ठा करने के लिए पक्के और स्टील के ड्रम बनाए जाएं, गन्ना डंप करने के लिए जगह आदि मुहैया करवाई जाए। इन मांगों और समस्याओंं के समाधानके लिए डिप्टी कमिश्नर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस मौके संतोष राज गन्ना अधिकारी, जम्हूरी किसान सभा के नेता अजीत सिंह, किरती किसान यूनियन के प्रदेश प्रधान सतवीर सिंह मुल्तानी, कुल ङ्क्षहद किसान सभा के जिला प्रधान कामरेड गुलजार सिंह बसंतकोट, पंजाब किसान यूनियन के जिला प्रधान सुखदेव सिंह भागोकावां, कुल सिंह किसान सभा-2 के जिला प्रधान लखविन्द्र सिंह मरड़, भारतीय किसान यूनियन एकता के प्रधान जोगिन्द्र सिंह, बिक्रम सिंह, अरविन्द्रपाल सिंह कैरों, हरीश, अजीत सिंह ठक्कर संधू, जगीर सिंह और सुरजीत सिंह घुमाण आदि उपस्थित थे।
बैठक के बाद उक्त किसान नेताओं ने कहा कि बहुत-सी मांगों पर प्रशासन और मिल अधिकारियों के साथ सहमति बनी है, परन्तु अदायगी सम्बन्धी अभी भी पूरी तरह संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उन्होंने अन्य मांगों के बारे बात करते हुए कहा कि यदि डिप्टी कमिश्नर के समक्ष रखी गई समस्याओं का हल न हुआ तो वे संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे।