पथरी की जगह डॉक्‍टर ने निकाल ली किडनी,मामला पहुंचा हाईकोर्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jul, 2017 11:45 AM

kidney extracted instead of stone the case reached the high court

पंजाब के बटाला में एक पेट से पथरी निकलवाने अाए मरीज की डाॅक्‍टर ने किडनी निकाल ली।

चंडीगढ़/बटालाः पंजाब के बटाला में   पेट से पथरी निकलवाने अाए मरीज की डाॅक्‍टर ने किडनी निकाल ली। मरीज के परिजनों का कहना है कि पथरी निकालने के लिए आॅप्रेशन के दौरान डॉक्‍टर ने किडनी निकाल ली । मामला बटाला के सिविल अस्‍पताल का है। अब मरीज और उसके परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका देकर डॉक्‍टर और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

 

मरीज के परिजनों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर बटाला के सिविल हॉस्पिटल के एक मैडीकल सर्जन पर बिना मरीज और उसके परिजनों की इजाजत लिए किडनी निकाले का आरोप लगाया गया है। हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोपी डॉक्टर और उसके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।

 

जस्टिस ए.बी. चौधरी ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को  मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को जवाब दायर करने का आदेश दिया है।  इसके साथ ही हाई कोर्ट ने पंजाब के गृह सचिव सहित, डी.जी.पी. बटाला के एस.एस.पी., डी.एस.पी. और आरोपी डॉक्टर को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

 

पीड़ित विनीत कुमार की पत्नी अंजली कुमारी ने एडवोकेट ओंकार सिंह बटालवी के जरिये हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। अंजली ने याचिका में कहा है कि उसके पति विनीत कुमार को सितंबर 2015 में पेट में काफी दर्द महसूस हुआ था। जांच में पता चला की उनकी दायीं किडनी में एक पथरी है।

 

अंजली ने याचिका में कहा है कि डॉक्‍टर ने पथरी को निकालने के लिए ऑप्रेशन की जरूरत बताई। इसके बाद बटाला के सिविल अस्‍पताल में ऑपरेशन कराया गया। ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने विनीत की पत्नी और अन्य परिजनों को बताया की उसकी किडनी में पस थी, लिहाजा उन्होंने किडनी ही निकाल दी है।


इस पर परिजनों ने आपत्ति जताई और कहा कि हमें तो पथरी निकालने की बात कही गई थी लेकिन बिना इजाजत के किडनी ही निकाल दी। परिजनों ने डाॅक्‍टर से निकली गई पथरी और किडनी दिखाए जाने की मांग की, लेकिन डॉक्टरों ने इससे मना कर दिया। कई बार जब यह मांग की तो डॉक्टर उन्हें धमकाने लगा।

 
याचिका में कहा गया है कि परिजनों ने इसकी शिकायत राज्‍य के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री तक से की।  इसके बाद डी.एस.पी. ने मामले की जांच की। रिपोर्ट में डॉक्टर ने कहा की उसने किडनी निकाले जाने की इजाजत विनीत के पिता से ली थी।


परिजनों का कहना है कि उनसे ऐसी कोई इजाजत नहीं ली गई। ऑप्रशन से पहले कुछ खाली पन्नों पर उनके हस्ताक्षर लिए गए थे।  अब उन्ही खाली पन्नों को फर्जी सबूत के तौर पर पेश किया जा रहा है।  याचिकाकर्ता के वकील ओंकार सिंह बटालवी ने कहा की यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा हो सकता है लिहाजा इस मामले मे एफ.आई.आर. दर्ज कर जांच की जाए।

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