Edited By Updated: 20 Apr, 2017 08:21 AM
पंजाब की मौजूदा सरकार द्वारा मंत्रिमंडल में खालसा विश्वविद्यालय को बंद करने संबंधी लिए गए फैसले को अति दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए खालसा कालेज गवॄनग काऊंसिल के प्रधान और विश्वविद्यालय के कुलपति सत्याजीत सिंह मजीठिया ने कहा कि इस संबंधी कानूनी...
चंडीगढ़ (भुल्लर): पंजाब की मौजूदा सरकार द्वारा मंत्रिमंडल में खालसा विश्वविद्यालय को बंद करने संबंधी लिए गए फैसले को अति दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए खालसा कालेज गवॄनग काऊंसिल के प्रधान और विश्वविद्यालय के कुलपति सत्याजीत सिंह मजीठिया ने कहा कि इस संबंधी कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करके जल्द ही विश्वविद्यालय को बचाने के लिए ठोस फैसले लिए जाएंगे। उन्होंने इसको एकतरफा, राजनीति से प्रेरित और बदलाखोरी वाला फैसला बताया।
कुलपति मजीठिया ने कहा कि अगस्त-2016 में पंजाब सरकार द्वारा कानूनी नियमों के मुताबिक खालसा विश्वविद्यालय को बनाने की मंजूरी के बाद दाखिले शुरू किए गए और इस समय 300 से अधिक विद्यार्थी अलग-अलग कक्षाओं में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि काऊंसिल ने खालसा कालेज के संस्थापकों के सपने कि उनका अपना विश्वविद्यालय हो, को पूरा करने के लिए विशेष कदम उठाए थे जिससे खालसा विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया लेकिन मौजूदा सरकार इस शैक्षणिक प्रोजैक्ट को खत्म करने के कगार पर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने खालसा विश्वविद्यालय में पहले वर्ष की पढ़ाई कर चुके विद्याॢथयों के भविष्य को दरकिनार करने का फैसला लिया है।
काऊंसिल के ऑनरेरी सचिव रजिंद्र मोहन सिंह छिन्ना ने भी सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कैप्टन अमरेंद्र सिंह के फैसले को पूरी तरह से राजनीतिक रंजिश करार दिया।