Edited By Tania pathak,Updated: 05 May, 2020 01:30 PM
लदीप सिंह पुत्र सुखदेव सिंह की रिपोर्ट पॉजिटिव थी, लेकिन इसके बजाय कुलदीप सिंह पुत्र राम सिंह निवासी को आइसोलेशन वार्ड में रखा दिया गया। जबकि कुलदीप सिंह के बेटे सुखदेव सिंह को संघेरा कॉलेज में एकान्त में रखा गया था...
बरनाला (विवेक सिंधवानी, रवि): स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण मरीजों की जान खतरे में भी पड़ रही है। इसका ताज़ा उदाहरण 3 मई को कोरोना वायरस के बारे में हजूर साहिब के तीर्थयात्रियों की एक रिपोर्ट आई, जिसमें 15 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव थी। कुलदीप सिंह पुत्र सुखदेव सिंह की रिपोर्ट पॉजिटिव थी, लेकिन इसके बजाय कुलदीप सिंह पुत्र राम सिंह निवासी को आइसोलेशन वार्ड में रखा दिया गया। जबकि कुलदीप सिंह के बेटे सुखदेव सिंह को संघेरा कॉलेज में एकान्त में रखा गया था। दोनों व्यक्ति एक साथ हजूर साहिब गए थे और एक साथ संघारे कॉलेज में प्रशासन द्वारा उन्हें एकांत में रखा गया था।
सूत्रों के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में तब पता चला जब कुलदीप सिंह के बेटे राम सिंह के आधार कार्ड का मिलान किया गया और रिपोर्ट उनकी नहीं थी। स्वास्थ्य अधिकारियों को तुरंत अपनी गलती का एहसास हुआ और कुलदीप सिंह के बेटे सुखदेव सिंह को तुरंत आइसोलेशन सेंटर में भेज दिया गया।
हैरानी की बात यह है कि मरीज को स्थानांतरित किए जाने के 12 घंटे बाद भी सिविल सर्जन इससे अनजान थे। जब इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ गुरिंदरबीर सिंह से संपर्क किया गया, तो पहले तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है और फिर उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में रिपोर्ट लेंगे। जब सिविल अस्पताल एसएमओ डॉ ज्योति कौशल ने कहा, "हमने अलगाव केंद्र में दो प्रकार के वार्ड स्थापित किए हैं। एक वार्ड संदिग्ध रोगियों के लिए जबकि पॉजिटिव मरीजों को दूसरे वार्ड में रखा जाता है।