Edited By Vatika,Updated: 29 Nov, 2018 10:52 AM
पकिस्तान में डेरा बाबा नानक से साढ़े चार किलोमीटर दूर हुए करतारपुर रास्ते संबंधित समागम दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ से किए गए स्वागत और दिए गए भाषण ने जहां एक तरफ नवजोत सिंह सिद्धू का कद और भी बड़ा कर दिया है, वहां नवजोत सिंह...
लुधियाना (कवलजीत): पकिस्तान में डेरा बाबा नानक से साढ़े चार किलोमीटर दूर हुए करतारपुर रास्ते संबंधित समागम दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ से किए गए स्वागत और दिए गए भाषण ने जहां एक तरफ नवजोत सिंह सिद्धू का कद और भी बड़ा कर दिया है, वहां नवजोत सिंह सिद्धू की विरोध करने वालों के भी मुंह पर करारा थप्पड़ मारा है।
उक्त शब्द लोक इंसाफ पार्टी के नेता और विधायक सिमरजीत सिंह बेस ने करतारपुर में हुए समागम के बाद लुधियाना में पत्रकारों के साथ कहे। उन्होंने कहा कि उन्हें पहले ही दिन सिद्धू को इस संबंधित बधाई देते हुए साफ कहा था कि यदि सिद्धू पाकिस्तान से करोड़ों सिखों की तरफ से जा रही अरदास संबंधित श्री करतारपुर साहिब का रास्ता खोलने संबंधित संदेश लेकर आए हैं तो यह एक अच्छी शुरुआत है और इसको राजनीति से पर उठकर सिद्धू की सराहना की जानी चाहिए। करतारपुर के रास्ते संबंधित सिद्धू व इमरान की कौशिशें इतिहास का पन्ना बनेंगी, परन्तु उस मौके पर शिरोमणी अकाली दल समेत भाजपा और यहां तक कि सिद्धू की ही कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी सिद्धू को ही कटेहरे में खड़ा करने की बात कही थी, इतना ही नहीं, बल्कि सिद्धू को गद्दार की उपाधि देकर देशधरों का मामला दर्ज करने तक की मांग कर दी गई थी।
सिद्धू पर उंगली उठाने वालों को भी इमरान ने दी नसीहत
पाकिस्तान के प्रमुख इमरान खान ने बात-बात में ही नवजोत सिंह सिद्धू और उंगली उठाने वालों को भी नसीहत दी कि सिद्धू तीन महीने पहले सिर्फ प्यार करके आए थे और प्यार दौरान ही उन्होंने फौज के प्रमुख को गले लगाया था परन्तु सिद्धू के ही मंत्रालय में शामिल अनेकों नेताओं ने जिस तरह के साथ सिद्धू को कटहरे में खड़ा करने की कोशिश की, यह बात उनकी समझ से बाहर है।
कुछ नेता ही नहीं होने देना चाहते हिंदुस्तान व पाकिस्तान में समझौता
इमरान खान ने यह भी संदेश दिया कि कुछ राजनीतिक नेता होते हैं, जो सिर्फ और सिर्फ अपनी राजनीतिक कुर्सी को बचाने में लगे रहते हैं और समझौतों की बातें तो जरूर करते हैं, परन्तु होने नहीं देते। इमरान खान ने साफ संकेत दिया कि वह बातें नहीं समझौता करने में विश्वास रखते हैं और अब भारत के नेताओं को चाहिए कि वह दो कदम चले तो पाकिस्तान चार कदम चलने के लिए तैयार है और यदि समझौता हो जाता है तो दोनों ही मुल्कों को आर्थर तौर पर तो फायदा होगा ही, बल्कि व्यापार के नए रास्ते छूट सकते हैं। यह दोनों ही देशों के निवासियों के लिए शुभ होगा।