पैट्रोल व डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से लोगों में मची हाहाकार

Edited By Vatika,Updated: 22 May, 2018 09:44 AM

karnataka election

कर्नाटक विधानसभा चुनावों तक स्थिर रहे पैट्रोल व डीजल के दामों में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही लगातार तेजी का दौर शुरू हो गया है और अब हालत यह है कि सोमवार को पैट्रोल व डीजल के दामों ने पिछले 56 माह का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है

अबोहर(भारद्वाज): कर्नाटक विधानसभा चुनावों तक स्थिर रहे पैट्रोल व डीजल के दामों में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही लगातार तेजी का दौर शुरू हो गया है और अब हालत यह है कि सोमवार को पैट्रोल व डीजल के दामों ने पिछले 56 माह का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिसके मद्देनजर ताजा बढ़ौतरी के बाद अब पंजाब में पैट्रोल के दाम 82 रुपए प्रति लीटर व डीजल के दाम 67.90 रुपए पहुंच गए हैं, जोकि केन्द्र की पूर्व यू.पी.ए. सरकार के कार्यकाल दौरान सितम्बर 2013 माह में उच्चतम स्तर से भी ज्यादा है, जबकि खास बात यह है कि केन्द्र में डा. मनमोहन सिंह की सरकार के मुकाबले मोदी सरकार में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के रेटों में भारी कमी है। 

जानकारों का कहना है कि अगर मनमोहन सरकार के कच्चे तेल के रेटों के हिसाब से पैट्रोल व डीजल बिके तो आज पैट्रोल 23 रुपए व डीजल 26 रुपए सस्ता मिलेगा। गौरतलब है कि इस वक्त अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल है, जोकि 2014 में यू.पी.ए. सरकार के समय की 106.85 डॉलर प्रति बैरल से 25 फीसदी कम है, जिसका सीधा मतलब यह है कि मनमोहन सरकार ने कच्चा तेल 106.85 डॉलर प्रति बैरल खरीद कर 71.41 रुपए प्रति लीटर पैट्रोल व डीजल 55.49 रुपए प्रति लीटर बेचा। इस हिसाब से अगर नरेन्द्र मोदी की सरकार मनमोहन सरकार के हिसाब से पैट्रोल बेचती है तो उसकी कीमत 53.47 रुपए प्रति लीटर होती जिससे ग्राहक को 22.77 रुपए सस्ता पैट्रोल मिलता और इसी फार्मूले को अगर डीजल पर लागू कर दें तो मौजूदा समय में डीजल का भाव 41.54 रुपए प्रति लीटर होता जोकि लगभग 26 रुपए सस्ता होता।

खैर अगर कर्नाटक चुनाव से पहले की बात करें तो 1 से 13 मई तक पैट्रोल का भाव 79.98 रुपए था, जबकि डीजल का रेट 1 से 13 मई तक 66.3 रुपए था और खास बात यह है कि चुनाव के उन 13 दिनों में पैट्रोल व डीजल के भाव बिल्कुल स्थिर रहे और चुनाव खत्म होते ही इनमें एकाएक तेजी आ गई, जिसका कारण सरकार अंतर्राष्ट्रीय मार्कीट में कच्चे तेल की कीमतों का बढऩा बताती है लेकिन प्रश्र यह उठता है कि 1 से 13 मई तक भी कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आए परंतु इसके बावजूद पैट्रोल व डीजल के रेट स्थिर रहे। फिलहाल पैट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ौतरी से जहां आम जनता में हाहाकार मची हुई है, वहीं खासकर डीजल के दाम बढऩे से निश्चित तौर पर ट्रांसपोर्टेशन महंगी होगी, जिससे आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ेगी।  

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