Edited By Vaneet,Updated: 30 Aug, 2018 05:14 PM
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक एवं पंजाब विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि बेअदबी तथा बहबलकलां गोलीकांड की ...
संगरूर: आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक एवं पंजाब विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि बेअदबी तथा बहबलकलां गोलीकांड की जांच करने वाले आयोग की रिपोर्ट में नाम आने पर भी आरोपियों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
चीमा ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि विधानसभा में रिपोर्ट पर लगातार आठ घंटे बहस हुई और कांग्रेस के मंत्री तथा विधायक झोली फैलाकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मिन्नतें करते रहे लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई । उन्होंने कहा कि जैसा माहौल सदन में बन रहा था उससे लगता था कि मुख्यमंत्री कोई बड़ी घोषणा करने वाले हैं लेकिन उन्होंने तो बेअदबी के मामले सीबीआई से वापस लेने तथा पुलिस एसआईटी से जांच कराने की बात कहकर सबकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
प्रतिपक्ष के नेता ने इस बात पर हैरानी जताई कि जब जांच सीबीआई को दी गई थी तब क्या उन्होंने अपने मंत्रियों को विश्वास में नहीं लिया था। यह सारा मामला संदिग्ध लगता है। इसी तरह बादलों के खिलाफ केस में 108 गवाह थे लेकिन सभी मुकर गए और बादलों को क्लीन चिट मिल गई थी। चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सदन में लाइव टैलीकास्ट के दौरान देश-विदेश के पंजाबियों को जल्द ही बेअदबी के मामलों में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिया लेकिन जस्टिस रंजीत सिंह आयोग की जांच रिपोर्ट में दर्ज आरोपियों को ना तो गिरफ्तार किया और न ही एफआईआर दर्ज की गई।
उन्होंने मांग की कि आरोपियों के खिलाफ रोजाना सुनवाई हो ताकि पीड़ितों को जल्द न्याय मिल सके। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, मनतार सिंह बराड़ और पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के पासपोर्ट जमा किए जाए। इनकी जमीन जायदाद भी फैसला होने तक सरकार अपने कब्जे में ले। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र की अवधि कम से कम पंद्रह दिन बढ़ाई जाए ताकि हर वर्ग के मुद्दों को उठाया जा सके तथा उन पर खुलकर बहस हो सके।