Edited By swetha,Updated: 04 Mar, 2019 08:21 AM
लंबे समय से विवादों में घिरे तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार सिंह साहब ज्ञानी इकबाल सिंह ने पहले इस्तीफा देने के बाद यू टर्न ले लिया है।
अमृतसर(अनजान):लंबे समय से विवादों में घिरे तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार सिंह साहब ज्ञानी इकबाल सिंह ने पहले इस्तीफा देने के बाद यू टर्न ले लिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पटना साहिब प्रबंधक कमेटी के महासचिव महेन्द्रपाल सिंह ढिल्लों को दिया, परन्तु बाद में कहा कि महासचिव और संगत के कहने पर तख्त साहिब पर अपनी सेवाएं निभाते रहेंगे। बेशक जत्थेदार अवतार सिंह हित ने 5 मार्च को जत्थेदार का इस्तीफा स्वीकृत करने के लिए मीटिंग बुलवाई है, परन्तु ज्ञानी इकबाल सिंह की फेसबुक पर पत्रकारों को दिए बयान ने पूरी सिख कौम में खलबली मचा दी है।
उन्होंने कहा कि महासचिव मीटिंग बुलवा सकता है परंतु प्रधान न तो मीटिंग बुलवा सकता है और न ही कहीं हस्ताक्षर कर सकता है। उधर ज्ञानी बलदेव सिंह को भी यह कहते सुना गया कि इसका फैसला पांच प्यारों ने करना है। ज्ञानी इकबाल सिंह ने आरोप लगाया कि पंजाब के जत्थेदार बिके हुए हैं, मेरी 35 साल की सेवा है और कल के आए प्रधान हित अपनी चालें चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जत्थेदार अवतार सिंह हित और कमिक्कर सिंह के खिलाफ अदालत में केस करके उन्हें सदस्यता से बाहर किया जाए। वहीं सारा दिन ज्ञानी इकबाल सिंह के इस्तीफे का नाटक चलने के बाद आखिरकार शाम को ज्ञानी इकबाल सिंह के सहयोगियों ने जयकारों की गूंज में उनको फिर जत्थेदारी की सेवाएं निभाने के लिए चाबियां सौंप दीं।
जिक्रयोग्य है कि पिछले दिनों सिंह साहब ज्ञानी हरप्रीत सिंह जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने जत्थेदार अवतार सिंह हित, कमिक्कर सिंह, संगत और ज्ञानी इकबाल सिंह की दूसरी पत्नी बलजीत कौर की तरफ से ज्ञानी इकबाल सिंह के खिलाफ पहुंची शिकायतों सम्बन्धित 7 सदस्यीय समिति का ऐलान किया था जो पटना साहिब पहुंच चुकी है, परन्तु इसकी पड़ताल होने से पहले ही ज्ञानी इकबाल सिंह ने इस्तीफा देकर यू टर्न ले लिया। जत्थेदार के पद को लेकर 2 गुटों की गुटबाजी क्या रंग लाती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।