धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी का लोगों पर असर, मोदी के प्रति लोगों में नाराजगी: डिम्पा

Edited By swetha,Updated: 14 May, 2019 11:03 AM

jasbir singh dimpa

पंजाब की पंथक मानी जाने वाली महत्वपूर्ण श्री खडूर साहिब लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष, पंजाब यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक जसबीर सिंह डिम्पा को चुनावी मैदान में उतारा गया है।

जालंधर (धवन): पंजाब की पंथक मानी जाने वाली महत्वपूर्ण श्री खडूर साहिब लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष, पंजाब यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक जसबीर सिंह डिम्पा को चुनावी मैदान में उतारा गया है। डिम्पा ने पार्टी संगठन व सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। इस संबंध में आज डिम्पा के साथ पंजाब, श्री खडूर साहिब से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर बातचीत की गई जिनके प्रमुख अंश निम्न हैं: 

प्र. : कांग्रेस ने आपको पंथक लोकसभा हलके से टिकट दी है, आप इस बारे में क्या कहना चाहेंगे?
उ. :
टिकट देने के लिए मैं सबसे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व अन्य सभी नेताओं का आभारी हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास करते हुए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी। पंथक हलके के लोगों को मुझसे भारी उम्मीदें हैं। लोग मेरी लड़ाई को अपनी लड़ाई समझकर एकजुट हो गए हैं। 

प्र. : आप अपना सियासी गुरु व आदर्श किसको मानते हैं?
उ. :
मेरे पिता स्व. शहीद संत सिंह गिल ने पंजाब में आतंकवाद के काले दौर में ब्यास हलके से चुनाव लड़ा था। उस समय कांग्रेस का नाम लेने से भी लोग डरा करते थे। विधायक होते हुए उन्होंने पंजाब की अमन व शांति के लिए गोलियां खाकर बलिदान दिया तथा यह साबित कर दिया कि हमारे परिवार ने पंजाब के लिए न केवल पसीना बहाया है बल्कि खून भी दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपने पिता को सियासी गुरु मानते हैं, जबकि सियासत में वह अपना आदर्श मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को मानते आ रहे हैं।

प्र. : पंथक हलके तथा पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के प्रति लोगों में चल रहे प्रभाव के बारे में आप क्या कहेंगे?
उ. :
शिरोमणि अकाली दल की सरकार के समय बरगाड़ी तथा बहबलकलां कांड ने न केवल सिख बल्कि हर धर्म के लोगों को ङ्क्षझझोड़ कर रख दिया था। धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं के कारण समूचे पंजाबियों में अकाली दल के प्रति भारी रोष पैदा हो गया था, जो अब और भी बढ़ चुका है। लोग चाहते हैं कि धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए तथा उनके चेहरे बेनकाब होने चाहिएं। 23 मई को अकाली दल को पता चल जाएगा कि वह कहां खड़ा है, लोगों ने विधानसभा चुनावों में अकाली दल को नकारा था तथा अब पुन: इस पार्टी के साथ 2017 जैसा ही हश्र होगा। 

प्र. : अकाली दल ने आपके मुकाबले बीबी जागीर कौर को चुनावी मैदान में उतारा है?
उ. :
शिरोमणि अकाली दल को माझा, मालवा तथा दोआबा तीनों को आपस में जोड़ने वाले इस लोकसभा हलके में कोई भी स्थानीय उम्मीदवार नहीं मिला। इसीलिए वह बाहरी इलाके से उम्मीदवार को चुनावी मैदान में लेकर आए हैं। स्थानीय लोग इसे कभी भी सहन नहीं करेंगे। 

प्र. : भाजपा की केन्द्र सरकार के पांच वर्षों के शासनकाल के बारे में आप क्या कहेंगे?
उ. :
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कारगुजारी सबके सामने है, लोग अब मोदी का नाम भी सुनना पसंद नहीं करते। पंजाब के साथ तो मोदी ने सौतेला व्यवहार किया। आज देश में किसान, कर्मचारी वर्ग, व्यापारी व गरीब सभी मोदी से खफा हैं। मोदी ने तो श्री हरमंदिर साहिब में श्री गुरु रामदास जी के लंगर पर जी.एस.टी. लगाकर पंजाब तथा सिख विरोधी होने का सबूत दे दिया था। देश की आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ था कि लंगर पर भी टैक्स लगा दिया हो जिसके खिलाफ कांग्रेस ने संसद में आवाज उठाई व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने यह मामला प्रधानमंत्री व केन्द्रीय वित्त मंत्री के सामने उठाया था। अकाली दल की केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने तो कैबिनेट की बैठक में मोदी के सामने जी.एस.टी. का मामला भी नहीं उठाया। 

प्र. : नोटबंदी व जी.एस.टी. का छोटे व्यापारियों पर क्या असर दिखाई दे रहा है?
उ. :
वास्तव में नोटबंदी व जी.एस.टी. ने तो छोटे व्यापारी व आम दुकानदार की कमर ही तोड़ कर रख दी है। व्यापार आज तक उठ नहीं सका है। नोटबंदी के तीन वर्ष बाद भी इसका दर्द व्यापारी व आम जनता महसूस कर रही है। देश के सबसे बड़े अर्थशास्त्री व पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने भी नोटबंदी के कार्य को देश के इतिहास में काला अध्याय करार दिया था। 

प्र. : अगर आप सांसद निर्वाचित होते हैं तो खडूर साहिब हलके के लिए आपकी क्या प्राथमिकताएं होंगी?
उ. :
मेरा सबसे पहला एजैंडा खडूर साहिब हलके का विकास करना है। जब मैं ब्यास से विधायक बना था तो उस समय भी मैंने पांच वर्षों में 400 कि.मी. संपर्क सड़कें, 300 कि.मी. डेरों के रास्तों को पक्का करवाया, 11,000 शौचालय बनवाए, 180 स्कूलों को पक्का करवाया था। डा. मनमोहन सिंह द्वारा चलाई गई मनरेगा स्कीम के तहत हजारों लाखों लोगों को रोजगार दिलवाया गया था। अब इस हलके में बड़ी यूनिवर्सिटी बनाने, बढिय़ा शिक्षा व स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की जरूरत है। इसे वह सांसद निर्वाचित होने के बाद केन्द्र व पंजाब सरकार के सहयोग से पूरा करवाने की कोशिश करेंगे। पंजाब के बार्डर इलाकों के लिए पहाड़ी राज्यों की तर्ज पर विशेष औद्योगिक पैकेज मांगा जाएगा, जिससे खडूर साहिब हलके को भी लाभ मिलेगा। बेरोजगार नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे। 

प्र. : खडूर साहिब हलके में पड़ते 9 विधानसभा क्षेत्रों से आपको कैसा सहयोग मिल रहा है?
उ. :
इस समय खडूर साहिब हलके में पड़ते सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कांग्रेस कर रही है। इन कांग्रेसी विधायकों में राणा गुरजीत सिंह, संतोख सिंह भलईपुर, सुखविन्द्र सिंह डैनी, हरमिन्द्र सिंह गिल, नवतेज सिंह चीमा, रमनजीत सिंह सिक्की, डा. धर्मवीर अग्निहोत्री, सुखपाल सिंह भुल्लर व कुलबीर सिंह जीरा शामिल हैं, जो केन्द्र में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी का कोई असर नहीं है। 

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