जलियांवाला बाग नरसंहार शताब्दी पर लाहौर में कल लगेगी प्रदर्शनी

Edited By Mohit,Updated: 19 Apr, 2019 07:27 PM

jallianwala bagh lahore exhibition

पाकिस्तान सरकार की तरफ से कल (20 अप्रैल) शनिवार को लाहौर के पुरानी टॉलिन्टन मार्कीट स्थित सिटी हैरीटेज म्युजीयम में जलियावांला बाग नरसंहार के शताब्दी पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।

होशियारपुर (अमरेन्द्र): पाकिस्तान सरकार की तरफ से कल (20 अप्रैल) शनिवार को लाहौर के पुरानी टॉलिन्टन मार्कीट स्थित सिटी हैरीटेज म्युजीयम में जलियावांला बाग नरसंहार के शताब्दी पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। लाहौर से इस बात की जानकारी फोन पर देते हुए शहीद भगत सिंह मैमोरियल फाऊंडेशन पाकिस्तान के चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी व प्रवक्ता मो.इकबाल मुगल ने बताया कि आज शनिवार सायं 5 बजे पाकिस्तान सरकार के कानून मंत्री प्रदर्शनी का विदिवत उद्घाटन करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी स्थल उसी चौक के समीप लगाई जा रही है जहां नवम्बर 1928 में स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय ने साइमन कमीशन का विरोध करते समय अंग्रेजों की लाठियां खाई थी।

जलियांवाला बाग पर डाक टिकट जारी करे पाकिस्तान सरकार
चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी व प्रवक्ता मो.इकबाल मुगल ने पाकिस्तान सरकार से मांग किया कि जिस समय यह नरसंहार हुई उस समय देश का विभाजन नहीं हुआ ता। इस नरसंहार में शहीद हुए लोग वर्तमान दोनों ही देश के नागरिक थे। उन्होंने सरकार से अपील किया कि लाहौर से बाघा बॉर्डर तक जाने वाली मेन हाईवे का नाम जलियांवाला रोड रोड किया जाए वहीं इस नरसंहार के सौ साल पूरे होने पर सरकार डाक टिकट जारी करे। यही नहीं इस घटना की जानकारी आज के युवा पीढ़ी को भी मिले को ध्यान में रख इस विषय को सरकार स्कूल व कॉलेजों के सिलेबस में भी शामिल करे। 

अंग्रेजों ने अभी तक इस त्रासदी पर नहीं मांगी है माफी 
गौरतलब है कि 13 अप्रैल 1919 दुनिया के इतिहास में शायद ही इससे ज्यादा काली तारीख दर्ज हो जब एक बाग में शांतिपूर्ण तरीके से सभा कर रहे निहत्थे-निर्दोष लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी गई थीं। वह जगह थी अमृतसर का जलियांवाला बाग और इस अत्याचार का सबसे बड़ा गुनहगार था जनरल डायर। उस नरसंहार को हुए अब सौ साल हो गए। हर भारतीय का मन उस त्र्त्रासदी के जख्मों से आहत है। ब्रिटिश सरकार ने लंबा वक्त लगा दिया इस घटना पर शर्मिंदगी जताने में, माफी अभी भी नहीं मांगी है।

हर भारतीय के मन में आज भी नफरत है जिंदा 
जनरल डायर की करतूत से भले ही इंग्लैंड आज शर्मिंदा है लेकिन भारतीयों के मन में उसके लिए नफरत आज भी जिंदा है। आज भी अमृतसर जाने वाले लोग जलियांवाला बाग स्थित संग्रहालय में लगी नरसंहार वाली जीवंत पेंटिंग में इस मार्मिक तस्वीर को देख यहां आने वाले दर्शक आज भी अपनी नफरत की निशानियां छोड़ जाते हैं। लोगों को जनरल डायर का चेहरा देखना गंवारा नहीं इसलिए वे इसे खुरच देते हैं। 
 

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