Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 May, 2018 12:50 PM
डिजीटल प्लेटफार्म प्रदान करना और अन्य साधनों से यू.टी. (यूनियन टैरीटरी) चंडीगढ़ के नागरिक निकाय को प्रभावी सेवाएं प्रदान करना ही नए एम.सी. (कमिश्नर नगर निगम) 2003 बैच पंजाब कैडर के आई.ए.एस. अधिकारी के.के. यादव की सर्वोपरि प्राथमिकता होगी।
जालंधर (अमित): डिजीटल प्लेटफार्म प्रदान करना और अन्य साधनों से यू.टी. (यूनियन टैरीटरी) चंडीगढ़ के नागरिक निकाय को प्रभावी सेवाएं प्रदान करना ही नए एम.सी. (कमिश्नर नगर निगम) 2003 बैच पंजाब कैडर के आई.ए.एस. अधिकारी के.के. यादव की सर्वोपरि प्राथमिकता होगी।
गत दिवस अपना कार्यभार संभालने वाले के.के. यादव ने कहा कि बतौर एम.सी. वह एक सर्विस प्रोवाइडर हैं, जिसका मुख्य काम आम जनता के साथ डील करना होता है। बतौर निगम कमिश्नर नागरिक निकाय की सभी सेवाएं आम जनता को समयबद्ध तरीके से और बिना किसी परेशानी के मिलना सुनिश्चित करना मेरी सबसे पहली प्राथमिकता होगी। इसके साथ ही सभी सेवाओं की क्वालिटी का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। अपना कार्यभार संभालते ही नए एम.सी. के.के. यादव ने एफ. एंड सी.सी. की एक मीटिंग में भी भाग लिया, जिसमें उन्होंने अपने सभी विभागों के अधिकारियों के साथ एफ. एंड सी.सी. सदस्यों के साथ विचार-विमर्श भी किया। उन्होंने बताया कि पहली मीटिंग में इस बात को लेकर खास विचार किया गया कि सभी आपस में तालमेल स्थापित कर काम करेंगे, ताकि जनता को सारी सेवाएं प्रभावी ढंग से प्रदान की जा सकें।
वित्तीय संकट को लेकर किया जाएगा अवलोकन
मौजूदा समय में निगम के अंदर चल रहे वित्तीय संकट को लेकर अपनी रणनीति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पहले भी बहुत गुंजाइश थी और वह हर संभव प्रयास करेंगे कि वित्तीय संकट से उभरा जा सके। उन्होंने कहा कि वह निगम की वित्तीय स्थिति का अवलोकन करेंगे और बेसिक वित्तीय नियमों का पालन करते हुए इस बात को देखेंगे कि रैवेन्यू प्राप्तियों और खर्चों में अगर कोई अंतर है तो किस वजह से है। अगर यह अंतर बहुत बड़ा है जिसे पूरा नहीं किया जा सकता, तो कोई भी बचा नहीं रह सकता । अंतर को कम करने के लिए टिकाऊ वित्तीय प्रबंधन केवल तभी किया जा सकता है, जब हम अपने सिस्टम के अंदर कार्यक्षमता के स्तर को भी बढ़ाते हैं। हमें इस बात को भी देखना होगा कि टैक्स और रैवेन्यू कलैक्शन सही ढंग से हो रही है या नहीं। इसके पश्चात ही वित्तीय स्थिति को ठीक करने के लिए अच्छी योजना बनाई जा सकती है।
वित्तीय स्थिति का अवलोकन करने के बाद ही देखा जा सकता है कि यू.टी. प्रशासन में सुधार लाने के लिए क्या रिफार्म लाए जा सकते हैं, ताकि फंड्स का दुरुपयोग न हो सके। खर्च और आय के बीच के अंतर को कम करने से हम इस बात को सुनिश्चित कर सकते हैं कि सभी सेवाएं और कामकाज जो आम जनता को प्रदान करने हैं वह समय पर हो सकें। आम जनता की शिकायतों का भी समयबद्ध ढंग से समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
हाऊस की मीटिंग का अनुभव रहा बेहद सुखद
के.के. यादव ने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद अगले ही दिन निगम के हाऊस की मीटिंग थी, जिसमें वह सुबह 11 से लेकर शाम 7 बजे तक व्यस्त रहे। सभी पार्षदों की तरफ से काफी सकारात्मक तरीके से अपने विचार रखे गए। आम जनता और कार्पाेरेशन के हितों को लेकर जो भी निर्णय लिए जाने थे, वे हाऊस में लिए गए। आगे भी इसी परंपरा को बरकरार रखा जाएगा।
विशेष मॉनीटरिंग सैल होगा स्थापित
रूटीन एजैंडों के साथ-साथ नए एम.सी. ने एक मॉनीटरिंग सैल को स्थापित करने का भी प्लान तैयार किया है जो सीधा उनकी निजी निगरानी में काम करेगा।
इस संबंध में उन्होंने कहा कि सैल एक प्रोजैक्ट मॉनीटरिंग ग्रुप की भांति काम करेगा और इस बात को सुनिश्चित करेगा कि निगम के प्रभावी कामकाज के लिए क्या-क्या प्राथमिकताएं हैं और उन्हें अमलीजामा पहनाया जाएगा। तीन से चार व्यक्तियों वाला यह एक पूरी तरह से समर्पित सैल होगा जिसमें एक आई.टी. एक्सपर्ट को भी शामिल किया जाएगा। एक एक्सपर्ट उनके दफ्तर से और एक एक्सपर्ट डिवैल्पमैंट साइड से लिया जाएगा। यह सैल मुझे मेरे लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता प्रदान करेगा।
चुने हुए प्रतिनिधियों को साथ लेकर किए जाएंगे सारे काम
कमिश्नर नगर निगम ने कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान जनता के चुने हुए सारे प्रतिनिधियों को साथ लेकर चलेंगे और उनकी राय हर महत्वपूर्ण काम में अवश्य ली जाएगी।
दफ्तरी कामकाज को किया जाएगा सरल
के.के. यादव ने कहा कि उनकी एक प्राथमिकता यह भी होगी कि जितने भी दफ्तरी कामकाज हैं, उनको सरल किया जाए और अगर कहीं भी कोई जटिल प्रक्रिया है तो उसे खत्म करके आसान बनाया जाए।