Edited By Anjna,Updated: 14 May, 2018 08:24 AM
धरती के स्वर्ग कश्मीर की हसीन वदियों में कुदरती तौर पर बनने वाले पवित्र हिम शिवलिंग के दर्शनों के लिए इस बार 60 दिन तक शिव भक्त जा सकेंगे। अमरनाथ यात्रा करोड़ों भारतीयों की आस्था का केन्द्र ही नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के सभी धर्म के लोगों को एक...
गोराया (छाबड़ा, गुलशन): धरती के स्वर्ग कश्मीर की हसीन वदियों में कुदरती तौर पर बनने वाले पवित्र हिम शिवलिंग के दर्शनों के लिए इस बार 60 दिन तक शिव भक्त जा सकेंगे। अमरनाथ यात्रा करोड़ों भारतीयों की आस्था का केन्द्र ही नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के सभी धर्म के लोगों को एक भावनात्मक बंधन में बांधने व भाईचारा मजबूत करने का माध्यम भी है। भारी कठिनाइयों एवं अनिश्चित वातावरण की अनदेखी कर श्रद्धालु अपने इष्ट भोले बाबा के हिम शिवलिंग रूप के दर्शन कर नतमस्तक होने के लिए पहुंचते हैं। पिछले कई वर्षों से यात्रियों की संख्या प्रतिवर्ष कम हो रही है। कभी 6.37 लाख यात्री इस यात्रा पर जब से गए हैं, तब से घटते-घटते यात्रियों की संख्या पिछले वर्ष 2.60 लाख पर आ चुकी है।
इसका मुख्य कारण है आतंकवादियों एवं कट्ïटरपंथियों द्वारा यात्रा को किसी न किसी रूप में बाधित करना। इसके लिए उनके समर्थक पत्थरबाजी कर यात्रियों का मनोबल तोडऩे की कोई भी कोशिश शेष नहीं रहने देते हैं। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था प्रतिवर्ष कमजोर हो रही है। धार्मिक संस्था शिव शक्ति सेवा मंडल गोराया के प्रधान विजय शर्मा ने कहा कि कश्मीरी लोग श्री अमरनाथ यात्रा के आने का उत्सुकता से इंतजार करते हैं। शिव भक्तों के आने से उनके दिनों में बहार आनी शुरू हो जाती है क्योंकि शिव भक्त यात्रा दौरान अधिकांश अपने कश्मीरी भाइयों के सहारे में जम्मू-कश्मीर की हसीन वादियों का आनंद ले पाते हैं, उनके लिए रहना, खाना-पीना, घूमना-फिरना, खरीदारी करना सब वे उनके सहारे ही करते हैं जिससे कश्मीरी भाइयों को आर्थिक लाभ होता है जिससे उनका जीवन खुशहाल होता है।
कश्मीरी अलगाववादी एवं कट्टरपंथी गलत बयानबाजी कर अपने कश्मीरी भाइयों का ही नुक्सान करते हैं। कभी धरने-प्रदर्शन, कभी पत्थरबाजी, कभी यात्रियों पर जानलेवा हमला तो कभी सोशल साइट पर गलत बयान जारी कर श्री अमरनाथ यात्रा को बाधित करते हैं। अगर वे लोग यात्रियों का सहयोग करें तो यात्रियों की संख्या बढ़ेगी जिससे उनकी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी तथा प्रदेश में खुशहाली आएगी। क्या अलगाववादी एवं कट्ïटरपंथी इस बात को समझेंगे तथा प्रदेश के दूषित वातावरण को साफ-सुथरा बनाने में मदद करेंगे?