गहन चैकिंग, पार्किंग से जब्त किए 28 दोपहिया वाहन

Edited By Sonia Goswami,Updated: 12 Apr, 2018 08:27 AM

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कमिश्नरेट पुलिस के तहत आने वाले थाना डिवीजन नंबर-7 व बस स्टैंड चौकी के साथ वाहन चैकिंग टीम ने बुधवार को संयुक्त रूप से स्थानीय अंतर्राज्यीय बस स्टैंड पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया जिसमें बस स्टैंड के अंदर अलग-अलग जगहों पर पुलिस टीम ने गहन चैकिंग की।

जालन्धर (अमित, मदुल): कमिश्नरेट पुलिस के तहत आने वाले थाना डिवीजन नंबर-7 व बस स्टैंड चौकी के साथ वाहन चैकिंग टीम ने बुधवार को संयुक्त रूप से स्थानीय अंतर्राज्यीय बस स्टैंड पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया जिसमें बस स्टैंड के अंदर अलग-अलग जगहों पर पुलिस टीम ने गहन चैकिंग की। बस स्टैंड के अंदर यात्रियों के सामान की तलाशी ली गई जिसके लिए खास तौर पर स्निफर डॉग की सेवाएं भी ली गई। तलाशी अभियान का नेतृत्व ए.सी.पी. मॉडल टाऊन समीर वर्मा ने किया और उनका साथ थाना डिवीजन नंबर 7 के प्रमुख ओंकार सिंह बराड़ एवं उनकी टीम ने दिया। सुबह से दोपहर तक चले इस तलाशी अभियान में बस स्टैंड के हर कोने की बारीकी से जांच की गई। बस स्टैंड में घूम रहे संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी लेने के साथ-साथ उनसे पूछताछ भी की गई है। इस दौरान बसों की चैकिंग की गई व बाहरी राज्यों से आने वाली बसों की छानबीन की गई। 


इस दौरान बस स्टैंड की पार्किंग के अंदर खड़े 28 दोपहिया वाहन, जिनमें स्कूटर, एक्टिवा, मोटरसाइकिल आदि शामिल हैं, पुलिस ने मौके से अपने कब्जे में लिए। उक्त वाहनों में या तो नंबर प्लेट नदारद थी या फिर वे लंबे समय से बस स्टैंड पार्किंग के अंदर लावारिस हालत में खड़े थे। इनमें कई वाहन चोरी के भी हो सकते हैं, जिनको लेकर पुलिस द्वारा जांच की जाएगी। 

रूटीन चैकिंग थी, सुरक्षा के मद्देनजर जारी रहेंगे तलाशी अभियान : ए.सी.पी. 
ए.सी.पी. मॉडल टाऊन समीर वर्मा ने कहा कि यह एक रूटीन चैकिंग थी। सुरक्षा के मद्देनजर ऐसे तलाशी अभियान पूरे शहर में चला जा रहे हैं और आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने लोगों से किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु के बारे में पता चलते ही  तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना देने की मांग की ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना को घटने से रोका जा सके।


पुलिस ने की एकतरफा कार्रवाई, बाहर खड़े वाहनों को देखा तक नहीं : काहलों
बस स्टैंड पार्किंग के ठेकेदार हरप्रीत सिंह काहलों ने कहा कि वह गलत काम को रोकने के लिए पुलिस को पूरा सहयोग देने के लिए हमेशा तैयार हैं, मगर बुधवार को पुलिस ने केवल उनकी पार्किंग को ही निशाना बनाते हुए एकतरफा कार्रवाई को अंजाम दिया। पार्किंग के बाहर सैंकड़ों वाहन सड़क पर खड़े थे जिनकी तरफ पुलिस ने देखा तक नहीं। उक्त वाहनों में भी बहुत-से वाहन बिना नंबर प्लेट के थे, जिनकी जांच होनी जरूरी थी। शाम 7 बजे तक बार-बार जब्त किए गए वाहनों की रिसीविंग मांगने पर भी पुलिस द्वारा नहीं दी गई। न तो एस.एच.ओ. ने उनका फोन उठाया और न ही ए.सी.पी. ने कोई जवाब दिया। जिन लोगों के वाहन पुलिस ने जब्त किए थे, वे उनके पास पार्किंग में आकर हंगामा कर रहे थे, मगर पुलिस ने उन्हें कोई सहायता प्रदान नहीं की। वह पुलिस कमिश्नर के पास लिखित शिकायत दर्ज करवाएंगे। 


जाली नंबर प्लेटों की आशंका के चलते वाहन लिए कब्जे में : एस.एच.ओ. - 7
एस.एच.ओ. थाना नंबर 7 ओंकार सिंह बराड़ ने कहा कि कई बार देखने को मिलता है कि चोर वाहन चोरी करने के बाद किसी न किसी पब्लिक पार्किंग के अंदर उसे खड़ा कर देते हैं, ताकि पुलिस के गिरफ्त से बचा जा सके। इस दौरान कई बार जाली नंबर प्लेटें भी लगा दी जातीं हैं ताकि वाहन की असली पहचान छुपाई जा सके। जाली नंबर प्लेटों की आशंका के साथ-साथ एक-डेढ़ साल से पार्किंग में खड़े वाहनों को कब्जे में लिया गया है। 

 

गरीब रिक्शा चालकों पर डाली बेगार, इंकार करने वालों के टायरों की निकाली हवा
 एक तरफ जहां अपराधियों व गैर-कानूनी काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ-साथ आम जनता के साथ अच्छे व्यवहार के दावे करते हुए पुलिस प्रशासन अपनी पीठ थपथपाता  नहीं थकता, वहीं इसका दूसरा चेहरा तब सामने आता है, जब बुधवार को अंतर्राज्यीय बस स्टैंड के अंदर बनी पार्किंग से बिना नंबर वाले और चोरी की आशंका वाले वाहनों को उठाने की कार्रवाई दौरान जब्त किए गए वाहनों को थाने तक पहुंचाने के लिए गरीब रिक्शा चालकों को बेगार डाली गई। बस स्टैंड पर सवारी आने के इंतजार में खड़े रिक्शा चालकों को यह नहीं पता था कि उन्हें मुफ्त में पुलिस द्वारा जब्त किए गए वाहन ढोने के लिए मजबूर किया जाएगा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जिन रिक्शे वालों ने मुफ्त में वाहन ले जाने से मना किया तो  पुलिस वालों ने उनको भला-बुरा कहने के साथ-साथ उनके रिक्शे के टायरों की हवा तक निकाल दी। 

 

लोगों ने हंगामा किया तो पुलिस ने 13 छोड़े वाहन
देर शाम जब जब्त किए गए वाहनों को लोग पार्किंग से लेने के लिए आए तो वाहन पार्किंग में न होने के चलते उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया और पार्किंग ठेकेदार से इस बात का एतराज जताया। हंगामा बढ़ते देख एस.एच.ओ.-7 ओंकार सिंह बराड़ ने खुद मौके पर आकर लोगों की परेशानी सुनी और उनसे कहा कि पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि अपराधी आजकल वारदात को अंजाम देने के बाद बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की पार्किंग में वाहन खड़े करके फरार हो जाते हैं जिसको लेकर पुलिस को जांच में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 
उन्होंने पार्किंग में इकट्ठा हुए लोगों से कहा कि वह अपने वाहनों की नंबर प्लेटें सही तरीके से लगाएं ताकि वाहन संदिग्ध न लगें। अगर आने वाले दिनों में दोबारा इस तरीके का किसी का भी वाहन मिला तो उसे दोबारा जब्त किया जा सकता है। उधर दूसरी ओर पार्किंग के ठेकेदार ने एस.एच.ओ. से कहा कि अगर उनके पास पार्किंग में कोई भी संदिग्ध वाहन आता है तो वह खुद पुलिस को सूचित कर वाहन उनके हवाले करेंगे। इस गहमागहमी और हंगामे के बाद पुलिस ने देर शाम करीब 13 वाहन छोड़ दिए।

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