लोहड़ी के दिन जालंधर में टला बड़ा हादसा, इंडियन गैस एजैंसी के गोदाम में भीषण आग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jan, 2018 02:17 PM

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निकटवर्ती गांव शेखें में इंडियन गैस एजैंसी के गोदाम में गैस सिलैंडर रिपेयर करते हुए जबरदस्त ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट से गोदाम में आग लग गई और करीब 21 कर्मचारी झुलस गए, जिन्हें तुरंत विभिन्न अस्पतालों में दाखिल करवाया गया। घायलों में से 3 कर्मचारियों...

जालंधर(स.ह.): निकटवर्ती गांव शेखें में इंडियन गैस एजैंसी के गोदाम में गैस सिलैंडर रिपेयर करते हुए जबरदस्त ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट से गोदाम में आग लग गई और करीब 21 कर्मचारी झुलस गए, जिन्हें तुरंत विभिन्न अस्पतालों में दाखिल करवाया गया। घायलों में से 3 कर्मचारियों की हालत गंभीर बताई गई है। थाना मकसूदां के अन्तर्गत आते गांव शेखें में इंडियन गैस एजैंसी का गोदाम है, जहां से गैस सिलैंडरों की सप्लाई की जाती है और गोदाम के रिपेयर सैंटर में सिलैंडरों की रिपेयर का काम किया जाता है।

आज सुबह करीब 10 बजे गोदाम में कर्मचारी अपने-अपने काम में व्यस्त थे कि अचानक गोदाम के रिपेयर सैंटर में जबरदस्त ब्लास्ट के पश्चात आग लग गई। चारों ओर गैस सिलैंडर होने के कारण आग तेजी से फैल गई। आग लगने से वहां काम कर रहे 21 कर्मचारी झुलस गए। जोरदार ब्लास्ट की सूचना मिलते ही डी.सी. वरिन्द्र कुमार, एस.पी. बलकार सिंह, डी.एस.पी. करतारपुर सर्वजीत सिंह राय, थाना मकसूदां के ए.एस.आई. रवि भट्टी पुलिस फोर्स सहित मौके पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड विभाग व 108 एम्बुलैंस को भी सूचित किया। आग लगने से झुलसे कर्मचारियों को प्राइवेट व सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया। फायर ब्रिगेड कर्मचारियों के मुताबिक आग पर काबू पाने के लिए करीब 8 गाडिय़ां लगीं और डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

नहीं पहुंची एम्बुलैंस, लोगों ने घायलों को पहुंचाया अस्पताल
जोरदार धमाके से लगी आग के कारण आसपास के गांवों के लोग मौके पर पहुंच गए। एम्बुलैंस के लिए फोन किया गया, लेकिन एम्बुलैंस समय पर नहीं पहुंची तो घायलों की हालत बिगड़ती देख गांववासियों ने अपने वाहनों पर घायलों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया।

परिजन से मिलने आई छात्रा भी झुलसी
ब्लास्ट के साथ ही लगी आग में 12वीं की छात्रा पूनम पुत्री राम प्रवेश भी झुलस गई। पूनम ने बताया कि गोदाम में उसके पिता व भाई काम करते हैं। वह उनसे मिलकर बाहर निकल रही थी कि जोरदार धमाका हुआ और आग लग गई। आग की लपटों ने उसे भी अपनी चपेट में ले लिया।

गोदाम में लगे थे एक्सपायर्ड अग्निरोधक यंत्र
गैस एजैंसी के गोदाम में इतने बड़े स्केल पर काम चल रहा था कि रिपेयर सैंटर में ही करीब 400 गैस सिलैंडर थे। रूटीन में गोदाम में गैस सिलैंडर रिपेयर का काम होता था। एक समय में 30 से 40 कर्मचारी वहां काम करते हैं। गोदाम पिछले करीब 15 सालों से यहां चल रहा था। आज हुए हादसे में कम्पनी की लापरवाही सामने आई। गोदाम में अग्निरोधक यंत्र की व्यवस्था तो थी, लेकिन जब जरूरत पड़ी तो एक भी यंत्र नहीं चला। पुलिस जांच के मुताबिक सभी यंत्र एक्सपायर हो चुके थे। जांच में पता चला कि गोदाम में चोरी रोकने के लिए सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे थे, लेकिन आग रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं था। जांच में सारे इक्विपमैंट्स खराब पाए गए।

टीन की छत के नीचे चल रही थी टैम्परेरी रसोई
पुलिस जांच में पता चला है कि कर्मचारियों द्वारा गोदाम में ही एक टैम्परेरी रसोई बनाई गई थी, जिस पर टीन की चादरें डाली गई थीं। जांच में रसोई की टीन की चादरें भी टूटी मिलीं। अनुमान है कि ब्लास्ट रसोई में हुआ, जहां से गैस सिलैंडर का हिस्सा छत फाड़ कर दूसरी तरफ जा गिरा।

गोदाम मालिक पर केस दर्ज 
डी.एस.पी.  करतारपुर सर्वजीत सिंह राय ने बताया कि घटनास्थल पर जांच में पाया गया कि गोदाम में सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। जो इक्विपमैंट्स लगे थे, वे भी नहीं चले। जांच में स्पष्ट पाया गया कि गैस सिलैंडरों की रिपेयर के दौरान सेफ्टी का ध्यान नहीं रखा गया। जांच में लापरवाही पाए जाने पर गोदाम के मालिक अरुण महाजन निवासी चंडीगढ़ के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी की तलाश की जा रही है। 

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