रहने लायक शहरों की श्रेणी में पिछड़ गया जालंधर

Edited By swetha,Updated: 15 Aug, 2018 08:12 AM

jalandhar lags behind in cities of affordable cities

केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने कुछ समय पहले रहने योग्य शहरों की एक प्रतियोगिता करवाई थी, जिसमें बुनियादी सुविधाओं, सामाजिक व आर्थिक ढांचे को आधार बनाया गया था। इस सूची में पुणे शहर ने टॉप किया है जबकि जालंधर 77वें स्थान पर लुढ़क गया है।

जालंधर (खुराना): केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने कुछ समय पहले रहने योग्य शहरों की एक प्रतियोगिता करवाई थी, जिसमें बुनियादी सुविधाओं, सामाजिक व आर्थिक ढांचे को आधार बनाया गया था। इस सूची में पुणे शहर ने टॉप किया है जबकि जालंधर 77वें स्थान पर लुढ़क गया है। हैरानी की बात यह है कि जो जालंधर कभी पंजाब का सबसे खूबसूरत व रहने लायक शहर हुआ करता था वह अब अपने पड़ोसी शहरों लुधियाना व अमृतसर से भी पिछड़ गया है। लुधियाना को पंजाब में पहला तथा राष्ट्रीय सूची में 35वां स्थान मिला है, जबकि गुरु नगरी अमृतसर 76वें स्थान पर रही है। उत्तरी भारत के एकमात्र शहर चंडीगढ़ ने राष्ट्रीय सूची में 5वें स्थान पर रहकर टॉप-10 में प्रवेश पाया है। 

जिस प्रकार जालंधर पिछले सालों दौरान स्वच्छता रैंकिंग के मामले में लगातार पिछड़ा और अब रहने लायक शहरों की श्रेणी में भी जालंधर शहर लुधियाना व अमृतसर से पीछे रह गया है। उस स्थिति को लेकर जालंधर के सत्तासीन कांग्रेसी नेताओं की चिंता बढ़ेगी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव सिर पर है और इस समय जालंधर शहर की सूरत बिगड़ी हुई है। मेन सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे हैं तथा सड़कें जगह-जगह से टूटी हुई हैं। सीवरेज जाम की समस्या कहीं ज्यादा बढ़ गई हैं। आने वाले दिनों में अगर शहर का सुधार न हुआ तो इसका राजनीतिक नुक्सान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के पैरामीटर बदले 
केन्द्र सरकार द्वारा 2019 का स्वच्छता सर्वेक्षण 4 से 31 जनवरी तक करवाने की घोषणा की गई है। इस बार सर्वेक्षण के पैरामीटर कुछ बदले गए हैं। सर्वे 4 हजार की बजाय 5 हजार अंकों का होगा और मुख्यत: नागरिकों की भागीदारी पर केन्द्रित होगा। शहरों को गार्बेज फ्री सिटी घोषित करने के मामले में थर्ड पार्टी सर्टीफिकेशन करवाई जाएगी। उन शहरों को अलग से नम्बर दिए जाएंगे जहां सिर पर मैला ढोने के मामले नहीं होंगे। सर्वे के लिए डाटा सर्विस लैवल प्रोग्रैस, डायरैक्ट आब्जर्वेशन, सिटीजन फीडबैक व सर्टीफिकेशन को आधार बनाया जाएगा। गार्बेज फ्री शहरों को स्टार रेटिंग प्रदान की जाएगी।ओ.डी.एफ. प्रोटोकॉल के नियम भी बदले जा रहे हैं। 2019 के सर्वेक्षण में स्वच्छता मंच की स्थापना व महत्व को भी आधार बनाया जाएगा। मंत्रालय द्वारा सर्वे के पैरामीटर बताने हेतु अगले 4 महीनों दौरान विभिन्न वर्कशॉप्स का आयोजन किया जाएगा।

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