सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही: पेशी पर आए बंदियों को परिजन थमाते रहे पैसे और सामान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 10:44 AM

jail prison

जेल से पेशी भुगतने जाने वाले कैदियों व हवालातियों के साथ मौजूद पुलिस गार्द अपनी जिम्मेदारी के प्रति कितनी गंभीर है, इसका आज प्रत्यक्ष उदाहरण उस समय देखने को मिला जब कोर्ट काम्पलैक्स के बाहर कड़े सुरक्षा घेरे में बस में बैठे बंदियों को उनके परिजन...

लुधियाना(स्याल): जेल से पेशी भुगतने जाने वाले कैदियों व हवालातियों के साथ मौजूद पुलिस गार्द अपनी जिम्मेदारी के प्रति कितनी गंभीर है, इसका आज प्रत्यक्ष उदाहरण उस समय देखने को मिला जब कोर्ट काम्पलैक्स के बाहर कड़े सुरक्षा घेरे में बस में बैठे बंदियों को उनके परिजन पैसे व अन्य सामान थमाते नजर आए। इस वाक्या को पंजाब केसरी टीम ने कैमरे में कैद कर लिया। प्रतिदिन की रूटीन अनुसार वीरवार को जेल प्रशासन द्वारा पुलिस गार्द की गाड़ी में विभिन्न मामलों के तहत कोर्ट में पेशी के लिए बंदियों को भेजा गया। पंजाब केसरी टीम को सूचना मिली कि उक्त बंदियों के परिजन नियमों के विपरीत कोर्ट परिसर के बाहर मिलने के इंतजार में बैठे हैं, जिस पर टीम वहां पहुंच गई। दोपहर के समय जैसे ही उक्त गाड़ी कोर्ट के बाहर पहुंची तो परिजनों का हजूम आगे-पीछे एकत्रित हो गया, जिन्होंने गाड़ी में सवार बंदियों को पैसे, खाद्य सामग्री सहित अन्य संदिग्ध सामान देना शुरू कर दिया। हैरानी तब हुई, जब उक्त बंदियों की सुरक्षा में तैनात पुलिस गार्द मूकदर्शक बनी रही।

कई वारदातों के बावजूद नहीं लिया सबक 
बता दें कि कोर्ट काम्प्लैक्स में जेल से पेशी भुगतने आए कई कैदी व हवालातियों सहित कुख्यात किस्म के बंदियों के भागने की घटनाएं हो चुकी हैं, परंतु फिर भी सुरक्षा व्यवस्था में ढील बरतना समझ से परे है। गत दिवस ही एक हवालाती मौका पाकर फरार हो गया था।  

बख्शीखाने से भी दूर रहें परिजन 
एडवोकेट गगनप्रीत सिंह का कहना है कि पेशी पर लाने वाले बंदियों के बख्शीखाने से भी मिलने वाले लोगों को काफी दूरी तक रखना चाहिए, क्योंकि इसके नजदीक आने से कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं उत्पन्न हो जाती हैं। कई बार कुख्यात किस्म के बंदी भड़क जाते हैं, जिन्हें संभालना पुलिस गार्द के लिए मुश्किल हो जाता है।  

बिना हथकड़ी ले जा रहे थे बंदी को
इस दौरान पुलिस कर्मी एक बंदी को बिना हथकड़ी लगाए कोर्ट परिसर के बाहर ले जाते दिखाई दिए। सुरक्षा के मायने में यह सबसे बड़ी चूक थी, क्योंकि कुख्यात किस्म के बंदियों को भागने का अवसर मिल जाता है। 

पुलिस गार्द की होती है पूरी जिम्मेदारी
सैंट्रल जेल के अतिरिक्त जेल सुपरिंटैंडैंट अमरीक सिंह मांगट ने बात करने पर कहा कि पेशी पर जाने से लेकर वापस जेल पहुंचने तक कैदियों व हवालातियों की सुरक्षा सहित अन्य गतिविधि पर नजर रखने की पूरी जिम्मेदारी पुलिस गार्द की होती है। 

क्या कहते हैं ए.डी.सी.पी. 
बात करने पर ए.डी.सी.पी. हैडक्वार्टर संदीप गर्ग ने उक्त मामले संबंधी अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई मामला उनके ध्यान में आता है तो ड्यूटी देने वाले संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

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