Edited By swetha,Updated: 11 Aug, 2018 01:35 PM
पढ़ाई के नाम पर कनाडा जाने वाले युवाओं पर ट्रूडो सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब केवल ट्रेवल एजेंटों के सहारे विद्यार्थी कनाडा में दाखिल नहीं हो सकेंगे। उनको इमिग्रेशन अथॉरिटी एयरपोर्ट से ही वापस डिपोर्ट कर देगी। ऐसे ही एक मामले में हाल ही...
मोगाः पढ़ाई के नाम पर कनाडा जाने वाले युवाओं पर ट्रूडो सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब केवल ट्रेवल एजेंटों के सहारे विद्यार्थी कनाडा में दाखिल नहीं हो सकेंगे। उनको इमिग्रेशन अथॉरिटी एयरपोर्ट से ही वापस डिपोर्ट कर देगी। ऐसे ही एक मामले में हाल ही में पटियाला जिले के एक छात्र को डिपोर्ट किया गया है।
वहां पहुंच कर जब उससे पूछा गया कि वह कनाडा में कौन सा कोर्स करने आया है। उसने किस कॉलेज में एडमिशन लिया है। वह इसके बारे में कुछ नहीं बता पाया। यही नहीं एक फार्म जो विद्यार्थी को अपने हाथ से भरना होता है, वह भी उसकी बहन ने भर कर दिया था। ऐसे में उसकी शिक्षा व इंग्लिश के ज्ञान पर इमिग्रेशन अथॉरिटी को शंका हुई। उन्होंने उस छात्र को कनाडा में प्रवेश नहीं होने दिया और उसे एयरपोर्ट से ही वापस लौटा दिया।
एक एजुकेशन सेंटर के हेड अवनीत बांगड़ ने बताया कि उनकी तरफ से इकट्ठा किए गए रिकार्ड के अनुसार गत 3 सालों में केवल कनाडा में 1.5 लाख छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा लेने जा चुके हैं। प्रत्येक विद्यार्थी अपनी 1 साल की 12 लाख रुपए की फीस भरता है। 2 लाख रुपए अपने खर्च के साथ लेकर जाता है। अगले साल पहले सेमेस्टर के 6 लाख फिर अपने माता-पिता से मंगवाता है। उसके बाद वह स्वयं काम करके अपने अगले डेढ़ साल की फीस और अन्य खर्चे निकालने लगता है। ऐसे में प्रत्येक विद्यार्थी के साथ 20 लाख रुपए भारतीय करंसी कनाडा जाती है। अब तक 30 हजार करोड़ रुपए भारतीय करंसी कनाडा जा चुकी है।