Edited By Sonia Goswami,Updated: 05 May, 2018 08:58 AM
प्रॉपर्टी टैक्स वसूली में बढ़ौतरी न होती देखकर तथा डिफाल्टरों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर अब निगम प्रशासन ने बड़े टैक्स दाताओं की ओर ध्यान केन्द्रित किया है
जालंधर (खुराना): प्रॉपर्टी टैक्स वसूली में बढ़ौतरी न होती देखकर तथा डिफाल्टरों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर अब निगम प्रशासन ने बड़े टैक्स दाताओं की ओर ध्यान केन्द्रित किया है जिसके तहत शहर के अस्पतालों और बैंकों द्वारा दिए जा रहे प्रॉपर्टी टैक्स की जांच का काम शुरू कर दिया गया है। पता चला है कि प्रॉपर्टी टैक्स सुपरिंटैंडैंट महीप सरीन तथा राजीव ऋषि के नेतृत्व में निगमाधिकारियों ने बैंकों तथा अस्पतालों द्वारा भरे जा रहे प्रॉपर्टी टैक्स की डिटेल कम्प्यूटर से निकलवाई है। 125 के करीब अस्पतालों तथा 200 के करीब बैंकों द्वारा भरे जाते प्रॉपर्टी टैक्स के फार्म आने वाले दिनों में निकलवाए जा सकते हैं ताकि पता चल सके कि किस प्रॉपर्टी का कितना टैक्स अदा किया गया है। ऐसे संस्थानों की मौके पर जाकर जांच भी की जा सकती है।
स्टाफ की कमी बनेगी बाधा
निगम प्रशासन ने प्रॉपर्टी टैक्स के बड़े करदाताओं की जांच का काम तो शुरू कर दिया है परंतु स्टाफ की कमी इस कार्य में मुख्य बाधा बनेगी। निगम के पास इस समय केवल 5 इंस्पैक्टर हैं और उनके साथ 7 सहायक हैं। इनमें से भी ज्यादातर की ड्यूटी शाहकोट चुनावों के दृष्टिगत लगी हुई है। ऐसे में बैंकों व अस्पतालों द्वारा दिए जाते टैक्स की जांच मात्र खानापूॢत साबित हो सकती है। निगमाधिकारी यह मान कर चल रहे हैं कि जून महीने में ही यह कार्य हो पाना संभव है।