अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, 2 काबू, 6 गाड़ियां बरामद

Edited By Urmila,Updated: 24 Sep, 2022 12:23 PM

interstate gang busted 2 arrested 6 vehicles recovered

मोहाली के सीनियर पुलिस कप्तान विवेकशील सोनी ने कहा कि मोहाली पुलिस ने हुंडई कारों की चोरी से जुड़े एक बड़े अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है।

मोहाली (प्रदीप) : मोहाली के सीनियर पुलिस कप्तान विवेकशील सोनी ने कहा कि मोहाली पुलिस ने हुंडई कारों की चोरी से जुड़े एक बड़े अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है। नवरीत सिंह विर्क एस. पी. (आर) मोहाली की निगरानी में और  बिक्रमजीत सिंह बराड़ डी.एस.पी. सब-डिवीजन जीरकपुर व हरिंदर सिंह मान डी.एस.पी. सिटी-1 के नेतृत्व में एस.एच.ओ. जीरकपुर इंस्पेक्टर दीपिंदर सिंह की अगुवाई वाली ने पुलिस अधिकारियों सहित गाजीपुर रोड नजदीक अंतरराज्यीय वाहन चोरी के 2 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। उक्त आरोपित की गिरफ्तारी के साथ ही मोहाली पुलिस टीम ने वाहन चोरी की 11 घटनाओं को ट्रेस कर जिलों किया और 6 गाड़ियां बरामद की हैं, जो जिला मोहाली से चोरी की गई हैं।  

वरिष्ठ पुलिस कप्तान ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि यह गिरोह सिर्फ  करेटा, वर्ना और आई-20 जैसी हुंडई कारों की ही चोरी करता था। इस गिरोह ने 2022 में हुंडई की 11 कारें चुराईं, जिनमें 8 पंजाब की, 2 हरियाणा की और 1 दिल्ली की है। उन्होंने कहा कि गिरोह के खिलाफ विभिन्न मामले दर्ज किए गए हैं।

गिरोह का सरगना कंप्यूटर इंजीनियर 

गिरफ्तार आरोपियों में से एक अकील अहमद पुत्र अजीज अहमद निवासी 523 बवानी खेड़ा जिला पलवल हरियाणा (अब डी2-220, डी.एल.एफ. वैली पंचकूला का रहने वाला) गिरोह का सरगना है। वह एम. टेक. (कंप्यूटर साइंस)। वह 2004 से 2012 तक गुरुग्राम में मोबाइल टॉवर रिलायंस कंपनी में तकनीकी इकाई के प्रमुख के रूप में काम कर रहा था।  2012 में, उसे बर्खास्त कर दिया गया था, इसका कारण यह था कि वे उच्च कीमतों पर वी.आई.पी. नंबर बेचने में व्यस्त था।

वह 2016 तक अपने गिरोह के सदस्यों के साथ भरतपुर, राजस्थान में अवैध कानूनी माइनिंग में शामिल था। उन्होंने 2021 तक अपना ऑटो मोबाइल कार बिक्री और खरीद कारोबार चलाया। दिसंबर 2021 में आसानी से पैसा कमाने के लिए उसने आपराधिक गतिविधियों और एन.सी.आर. में कदम रखा और उसने पंजाब में अपना कार चोरी करने वाला गिरोह शुरू किया क्योंकि उसके गिरोह के कुछ सदस्य पहले पंजाब में जघन्य अपराधों में शामिल थे। एक कंप्यूटर इंजीनियर होने के नाते उसे हुंडई कार को अनलॉक करने में केवल 10-15 मिनट का समय लेता था क्योंकि उन्हें हुंडई वाहनों को अनलॉक करने में मुहारत हासिल है।

दूसरा गिरफ्तार आरोपी शेख रफीक पुत्र शेख दिलावर मंसूरी निवासी मस्जिद लाइन मोसान गंज अमरावती महाराष्ट्र 10 वर्ष से कार सेल-परचेज का धंधा कर रहा है। शेख रफीक और एक फरार आरोपी ने सोनू अकील और उसके गिरोह के सदस्यों से वाहन खरीदे थे और इन चोरी की कारों को अलग-अलग खरीदारों को बेच दिया। इसके अलावा जांच की प्रक्रिया में है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी व अन्य चोरी के वाहनों की बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं।

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