करतारपुर कॉरिडोर खुलने से पहले आस-पास के इलाकों में चल रहे हैं आतंकी कैंप!

Edited By Vatika,Updated: 04 Nov, 2019 12:17 PM

intelligence agencies spotted terrorist training activities near kartarpur sahib

भारत और पाकिस्तान सीमा के बीच सिखों के पवित्र स्थल करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शनों के लिए बना करतारपुर कॉरिडोर कुछ समय में ही खुलने वाला है। इसी बीच खुफिया एजेंसी के इनपुट्स ने भारत की चिंता बढ़ा दी है।

नई दिल्लीः भारत और पाकिस्तान सीमा के बीच सिखों के पवित्र स्थल करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शनों के लिए बना करतारपुर कॉरिडोर कुछ समय में ही खुलने वाला है। इसी बीच खुफिया एजेंसी के इनपुट्स ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। 
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कैंप में महिलाएं तक ले रहीं ट्रेनिंग
दरअसल खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि पाकिस्तान के नरोवाल में आतंकी कैंप है, जहां करतारपुर साहिब गुरुद्वारा भी स्थित है। बताया जा रहा है कि यहां दहशतगर्दों को ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसमें पुरुष और महिलाएं शामिल है। सूत्रों का कहना है कि इस कॉरिडोर का इस्तेमाल ड्रग तस्करी और देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल लोग पाकिस्तानी सिम कार्ड्स के जरिए कर सकते हैं। केंद्रीय एजेंसियों का कहना है कि पंजाब की सीमा पर कड़ी सुरक्षा के साथ पाक सिमकार्ड का भारत में इस्तेमाल पूरी तरह से बंद होना चाहिए। 

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उद्घाटन 9 नवंबर को
बता दें कि इस कॉरिडोर का उद्घाटन 9 नवंबर को पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान और भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। करतारपुर साहिब सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी का निवास स्थान रहा था, जिन्होंने अपनी जिंदगी के आखिरे 17 साल 5 महीने 9 दिन यहीं गुजारे थे। उनका सारा परिवार यहीं आकर बस गया था। इस लिहाज से यह पवित्र स्थल सिखों के मन से जुड़ा धार्मिक स्थान है। यह गलियारा भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतापुर के दरबार साहिब से जोड़ेगा जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 4 किलोमीटर दूर है। करतारपुर का गुरुद्वारा पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है। इस समझौते के साथ ही गलियारे को चालू करने में आ रही मुख्य बाधा को दूर कर लिया गया है। अब पाकिस्तान के नरोवाल जिले के गुरुद्वारा दरबार साहिब तक इस गलियारे के जरिए पहुंचा जा सकेगा। समझौते के तहत, श्रद्धालु सुबह में यहां आएंगे और गुरुद्वारा दरबार साहिब में दर्शन कर शाम तक लौटेंगे। हर दिन कम से कम 5,000 श्रद्धालुओं को बिना वीजा के इस पवित्र स्थल तक आने की अनुमति दी जाएगी।प्रत्येक श्रद्धालु को 20 डॉलर शुल्क का भुगतान करना होगा। भारत ने पाकिस्तान से भारतीय श्रद्धालुओं से शुल्क नहीं वसूलने का आग्रह किया था। तीन चरण की बातचीत के बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया जा सका।करतारपुर गलियारे का भारतीय क्षेत्र में आने वाले हिस्सा का शिलान्यास उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पिछले साल नवंबर में पंजाब के गुरदासपुर जिले में किया था।

 

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