Edited By Sonia Goswami,Updated: 12 Apr, 2018 06:53 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की कार्यशैली को लेकर प्रदेश के विधायकों व कार्यकर्ताओं में रोष लगातार बढ़ता जा रहा है।
जालंधर/चंडीगढ़ (चोपड़ा, रविन्द्र, भुल्लर): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की कार्यशैली को लेकर प्रदेश के विधायकों व कार्यकर्ताओं में रोष लगातार बढ़ता जा रहा है। कैप्टन अपने खेमे में ही हो रही लीकेज से इतने आहत हैं कि वह अपने कार्यालय व निवास में गोपनीय बातें बाहर न जाएं, को लेकर खासे सतर्क रहने लगे हैं। मुख्यमंत्री के कुछ आदेशों से लगता है कि मुख्यमंत्री को अपने सांसदों, मंत्रियों व विधायकों तक पर यकीन नहीं रहा है। ऐसे ही एक घटनाक्रम में कै. अमरेन्द्र अपने खासमखास व प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सांसद सुनील जाखड़ को भी नाराज कर बैठे। दरअसल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र से मिलने पहुंचे जाखड़ को सी.एम. सिक्योरिटी ने मोबाइल लेकर मुख्यमंत्री के कमरे में जाने से रोक दिया। इस घटनाक्रम से खासे आहत हुए जाखड़ ने इसे अपना अपमान समझा और वह मुख्यमंत्री के प्रिंसीपल सैक्रेटरी के कमरे में 10 मिनट तक बैठे रहे। इसके उपरांत मुख्यमंत्री से मिले बिना ही वापस लौट गए।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जाखड़ के नाराज होकर लौटते समय उनको कुछ उच्च अधिकारियों द्वारा रोकने का प्रयास भी किया गया, परंतु वह नहीं माने। इसके बाद जाखड़ ने अपने दोनों मोबाइल नंबर स्विच ऑफ कर लिए। उनके पी.ए. संजीव त्रिखा ने भी पूरे घटनाक्रम से अनभिज्ञता जताते कहा कि वह आज उस समय जाखड़ के साथ नहीं थे। उन्होंने इतना जरूर बताया कि वह देर शाम चंडीगढ़ से दिल्ली की ओर रवाना हुए परंतु उसके बाद उन्होंने अपने फोन बंद कर लिए हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि वह इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारियों के किए गए व्यापक फेरबदल में कुछ अधिकारियों को लेकर कई क्षेत्रों के कांग्रेसी विधायकों को आपत्ति थी और वह कह रहे थे कि कुछ ऐसे अधिकारियों को ऐसे स्थान पर लगाया है जोकि अकालियों के वफादार रहे हैं और कांग्रेसियों की नहीं सुनते। इसी तरह विधायकों की नौकरशाही द्वारा सुनवाई न करने को लेकर कुछ शिकायतें थीं, जिस संबंध में उन्होंने गत दिवस जाखड़ के पास अपनी बात रखी थी। जाखड़ ने इन्हीं शिकायतों को दूर करवाने के लिए आज शाम मुख्यमंत्री से मिलने का समय लिया था।
निर्धारित समय के मुताबिक जाखड़ व 2 दर्जन के करीब विधायक इस मीटिंग के लिए शाम को सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच गए थे। बेशक जाखड़ के साथ गए विधायक खुलकर तो कुछ कहने को तैयार नहीं परंतु नाम न छापने की शर्त पर कुछ ने घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।