सच साबित हुए सिद्धू के आरोप, इंस्पैक्टर ने एक लाख लेकर बनने दी थी अवैध बिल्डिंग

Edited By Anjna,Updated: 21 Jun, 2018 08:07 AM

inspector gave illegal building to build one lakh

लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा नगर निगम अधिकारियों पर लगाए जा रहे अवैध निर्माण करवाने की एवज में रिश्वत लेने के आरोप साबित हो गए हैं। इसके जोन-डी की बिल्डिंग ब्रांच के एक इंस्पैक्टर ने पहले तो एक लाख रुपए लेकर नॉन-कम्पाऊंडेबल निर्माण...

लुधियाना(हितेश): लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा नगर निगम अधिकारियों पर लगाए जा रहे अवैध निर्माण करवाने की एवज में रिश्वत लेने के आरोप साबित हो गए हैं। इसके जोन-डी की बिल्डिंग ब्रांच के एक इंस्पैक्टर ने पहले तो एक लाख रुपए लेकर नॉन-कम्पाऊंडेबल निर्माण करवा दिया और जब सिद्धू की सख्ती के डर से बिल्डिंग को सील कर दिया और अब मेयर के पास खबर पहुंचने पर इंस्पैक्टर द्वारा पैसे वापस करने के लिए मिन्नतें की जा रही हैं।

सिद्धू का कहना है कि वह काफी समय से नगर निगम के अधिकारियों को अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के लिए कह रहे हैं लेकिन कोई असर नहीं पड़ा और बड़े पैमाने पर बिना नक्शा पास करवाए व चालान डाल कर जुर्माना लिए बिना बिल्डिंगें बन रही हैं। इसके मद्देनजर सिद्धू ने पिछले दिनों जालंधर में अवैध बिल्डिंगों व कॉलोनियों की चैकिंग करके उनके खिलाफ कार्रवाई न करने के आरोप में नगर निगम के 8 अधिकारियों को सस्पैंड कर दिया है। उसके बाद से ही लोगों द्वारा अपनी अवैध बिल्डिंगों को बचाने के लिए जहां सिद्धू का विरोध किया जा रहा है, वहीं सिद्धू द्वारा बाकी शहरों में भी ऐसी ही चैकिंग करके अधिकारियों के खिलाफ  कार्रवाई करने की वार्निंग दी जा रही है।

अब नगर निगम के ऑफिसर अपने बचाव में कांग्रेस नेताओं की शरण में जाकर सिद्धू का विरोध करवा रहे हैं। इसी बीच लुधियाना में एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे सिद्धू द्वारा नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ लगाए जा रहे आरोप साबित हो गए हैं। इस मामले में किचलू नगर मेन रोड के रिहायशी इलाके में एक कमर्शियल बिल्डिंग बनी है जिस पर नॉन कम्पाऊंडेबल होने कारण फाऊंडेशन लैवल पर ही गिराने की कार्रवाई बनती थी लेकिन इंस्पैक्टर ने पहले तो बिल्डिंग बनने दी और फिर सिद्धू की चैकिंग के डर से बिल्डिंग को सील कर दिया है। यह मामला मेयर के पास पहुंचा तो पोल खुल गई कि इंस्पैक्टर ने 1 लाख रुपए की रिश्वत लेकर बिल्डिंग बनवाई थी जिस पर मेयर ने कमिश्नर से कार्रवाई की सिफारिश की है जिसके बाद इंस्पैक्टर ने सील खोल दी है और रिश्वत के पैसे वापस करने के लिए मिन्नत कर रहा है।

विजीलैंस में भी तैयार हो रही रिपोर्ट
इंस्पैक्टर द्वारा एक लाख की रिश्वत लेकर अवैध बिल्डिंग का निर्माण करवाने के बाद उसको सील करने का विवाद विजीलैंस के पास पहुंच गया है जिस बारे में खुफिया रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है उस पर हैड ऑफिस की मंजूरी लेकर केस दर्ज किया जा सकता है।

हैबोवाल के 2 दर्जन अवैध निर्माणों की रिपोर्ट भी है पैंडिंग
यह इंस्पैक्टर पहले ब्लॉक-34 में तैनात था जिससे 2 दर्जन अवैध निर्माण बारे जोन-डी के ए.टी.पी. विजय कुमार ने पिछले साल नवम्बर में रिपोर्ट मांगी थी लेकिन वह रिपोर्ट अब तक नहीं मिली और न ही अवैध निर्माण पर काार्रवाई हुई है

सिद्धू की गिर सकती है गाज
इस मामले से सिद्धू भी अनजान नहीं हैं उन्होंने अपनी टीम को सारी डिटेल तैयार करने के लिए बोल दिया है जिसके चलते आने वाले दिनों में इंस्पैक्टर पर गाज गिर सकती है।

फर्जी डिग्री के दम पर प्रमोशन लेने की चर्चा
बिल्डिंग इंस्पैक्टर के बारे में चर्चा सुनने को मिल रही है कि वह पहले बी. एंड आर. ब्रांच में तैनात था जिसने फर्जी डिग्री के दम पर प्रमोशन हासिल की है।

ऊपर तक पहुंच रहा है हिस्सा
इंस्पैक्टर द्वारा अवैध बिल्डिंग बनवाने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत लेने का मामला सामने आने के बाद यह खुलासा हुआ है कि इस पैसे का हिस्सा ऊपर तक पहुंच रहा था। यही वजह है कि इस इंस्पैक्टर पर अब तक अधिकारियों ने कोई कारवाई नहीं की है।

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