Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 02:31 AM
आर्थिक स्थिति से जूझ रही पंजाब सरकार, जो पिछले साल 8 हजार करोड़ रुपए की सबसिडी से केवल 3 हजार करोड़ रुपए ही जुटा सकी थी, अब राज्य के उद्योगों को अपनी घोषणा के अनुसार 1 नवम्बर से कैसे अन्य 2700 करोड़ रुपए जुटा पाएगी, इस पर संशा बनी हुई थी लेकिन अब...
खन्ना(शाही): आर्थिक स्थिति से जूझ रही पंजाब सरकार, जो पिछले साल 8 हजार करोड़ रुपए की सबसिडी से केवल 3 हजार करोड़ रुपए ही जुटा सकी थी, अब राज्य के उद्योगों को अपनी घोषणा के अनुसार 1 नवम्बर से कैसे अन्य 2700 करोड़ रुपए जुटा पाएगी, इस पर संशा बनी हुई थी लेकिन अब पावरकॉम ने स्पष्ट कर दिया है कि नवम्बर महीने से उद्योगों को पूरे रेट पर बिजली के बिल जारी किए जा रहे हैं।
पावरकॉम के चीफ इंजीनियर कमशिर्यल कमलजीत सिंह ने बताया कि उन्हें 1 जनवरी, 2018 से उद्योगों को 5 रुपए प्रति दर से बिजली के दाम वसूलने के आदेश मिले हैं। इसलिए 1 नवम्बर से उद्योगों को कोई छूट नहीं दी जा रही। इस पर पंजाब स्टेट रैगुलेटरी कमीशन के डायरैक्टर टैरिफ जी.एस. कोहली ने बताया कि उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट से ऊपर दी जाने वाली सबसिडी के आंकड़े तैयार करने के लिए कमीशन ने अपने आदेश 17 अक्तूबर, 2017 को 15 दिन का समय दिया था लेकिन पावरकॉम ने अभी तक कमीशन को कोई आंकड़ा पेश नहीं किया है।
ब्याज सहित देना होगा 3 हजार करोड़ का सबसिडी का बकाया
साल 2016-17 के लिए पंजाब सरकार ने कृषि व एस.सी.बी.सी. आदि वर्ग के लिए 8008 करोड़ रुपए सबसिडी पावरकॉम को देनी थी लेकिन राज्य सरकार केवल 5099 करोड़ रुपए ही दे पाई। अब पिछले साल का बकाया एवं मौजूदा साल 2017-18 के लिए राज्य सरकार ने पावरकॉम को 10917 करोड़ रुपए सबसिडी के देने हैं, साथ ही पिछले साल के बकाया पर 297 करोड़ ब्याज अलग से देना है। इन हालातों में उद्योगों के लिए अन्य लगभग 2700 करोड़ सबसिडी देने के लिए राज्य सरकार कहां से पैसा लाएगी, इस पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।