अमरीका के गोल्डन वीजा के पीछे भाग रहे रईस भारतीय

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Dec, 2017 09:23 AM

indians running behind golden visa of america

अमरीका में ट्रम्प सरकार के वीजा नियमों को लेकर आ रहे लगातार बयानों के बाद असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

जालंधर  (रविंदर शर्मा): अमरीका में ट्रम्प सरकार के वीजा नियमों को लेकर आ रहे लगातार बयानों के बाद असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वीजा नियमों को पहले से ज्यादा कड़ा करने की तैयारी के बीच ई.बी.-5 वीजा की डैडलाइन बढऩे से अमीर भारतीयों के बीच ई.बी.-5 रूट से गोल्डन वीजा लेने की आपाधापी मच गई है। सितम्बर 2015 के बाद से कम्युनिटी फॉर यू.एस. इमीग्रेशन ई.बी.-5 वीजा के लिए न्यूनतम निवेश को 5 लाख डॉलर से बढ़ाकर 9.20 लाख डॉलर करने का दबाव डाल रही है हालांकि इस दौरान इस स्कीम की डैडलाइन में कई बार बढ़ौतरी हो चुकी है। ऐसी हालिया बढ़ौतरी में डैडलाइन 19 जनवरी 2018 तय की गई है। संभावना है कि ट्रम्प सरकार 19 जनवरी के बाद ई.बी.-5 वीजा के लिए न्यूनतम राशि 9.20 लाख डॉलर कर सकती है। अमरीका में पढऩे वाले भारतीय छात्रों के माता-पिता और उद्यमियों में इस कम निवेश पर ई.बी.-5 वीजा लेने की आपाधापी दिख रही है।

 

वीजा कंसल्टैंसी फर्म कैनएम इंटरप्राइजेज के इंडिया और मिडल ईस्ट के वाइस प्रैजीडैंट अभिनव लोहिया ने बताया कि इस स्कीम के लिए न्यूनतम निवेश की सीमा बढ़ सकती है इसलिए रईस भारतीय परिवार चाहते हैं कि इस डैडलाइन से पहले निवेश कर गोल्डन वीजा अप्लाई किया जाए। इसको लेकर अचानक वीजा अप्लाई करने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है। भारतीयों की तरफ से ई.बी.-5 वीजा एप्लीकेशन बढऩे पर कंपनी मुम्बई में एक ऑफिस खोलने जा रही है। इस वीजा स्कीम में योग्य विदेशी नागरिक अमरीकी प्रोजैक्ट्स में 5 लाख डॉलर का निवेश कर वहां की स्थायी नागरिकता पा सकते हैं। हालांकि जिन प्रोजैक्ट्स में यह निवेश किया जा रहा हो, उनसे अमरीका में कम से कम 10 फुल टाइम रोजगार के मौके बनने चाहिएं। 

 


ई.बी.-5 मामलों के जानकार एडवोकेट रोहित कापरिना ने बताया कि मैं इस प्रोग्राम के बारे में जानकारी देने के लिए भारत में सैमीनार आयोजित करने जा रहा हूं। इसके लिए मुझे वहां बार-बार जाना पड़ रहा है। मैं बैंकों, रीयल एस्टेट डिवैल्पर्स और पेरैंट्स से भी बात कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि एच-1-बी वीजा रखने वालों के पति या पत्नी के अमरीका में काम करने पर पाबंदी का प्रस्ताव आया है। इसके बाद ई.बी.-5 स्कीम में दिलचस्पी बढ़ गई है। जब से ई.बी. स्कीम शुरू हुई है, तब से न्यूनतम निवेश की सीमा 5 लाख डॉलर ही है। अमरीकी कांग्रेस इसे बढ़ाने के बारे में गंभीरता से विचार कर रही है। ई.बी.-5 स्कीम से निवेशकों को पत्नी और 21 साल से कम के अविवाहित बच्चों को अमरीका लाने का मौका मिलता है।
कैनएम इंटरप्राइजेज के मुताबिक ई.बी.-5 स्कीम के लिए जो आवेदन मिल रहे हैं, उनमें से 50 प्रतिशत से अधिक इंडियन पेरैंट्स और उनके बच्चों के हैं। इसके बाद युवा उद्यमियों और एच.एन.आई. का नंबर है। चीन और वियतनाम के बाद ई.बी.-5 वीजा आवेदन में भारत तीसरे नंबर पर है। चीन के नागरिकों ने 10,948 और वियतनाम के नागरिकों ने 404 आवेदन दिए हैं।

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