Edited By Vatika,Updated: 06 Nov, 2019 02:53 PM
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर के श्रद्धालुओं के लिए वीजा माफ करने की कार्रवाई पंजाब में आतंकवाद को फिर से सक्रिय करने की एक योजना है।
जालंधरः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर के श्रद्धालुओं के लिए वीजा माफ करने की कार्रवाई पंजाब में आतंकवाद को फिर से सक्रिय करने की एक योजना है। यह जानकारी 2 वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों ने दी है। सुरक्षा एजैंसियों ने कहा कि गुरुद्वारे की यात्रा के लिए अंतिम क्षणों में श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त पेशकश करना पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने की एक योजना का हिस्सा है।
इमरान खान ने घोषणा की है कि श्रद्धालुओं को वैध पहचान पत्र रखने के लिए करतारपुर कॉरिडोर के लिए पाकिस्तान आने पर वीजा की कोई जरूरत नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा है कि 9 नवंबर को कॉरिडोर के उद्धाटन के दिन और गुरु नानक देव जी के 550वें जन्मदिन के 3 दिन बाद भी 20 डालर फीस नहीं ली जाएगी। श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा के लिए 10 दिन एडवांस में पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा है कि पाकिस्तान का अचानक लिया गया यह फैसला सिखों के लिए झूठी हमदर्दी दिखाना है। वास्तव में वे युवाओं को निशाना बनाना चाहते है।
सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी अविनाश मोहाननी जो कि खुफिया ब्यूरों के सदस्य रहे है, का कहना है कि पासपोर्ट की जरूरत रखने का प्रस्ताव एक बड़ी दुर्भावनापूर्ण घटना है। पासपोर्ट ना होने के कारण इस बात का कोई रिकॉर्ड नहीं होगा की कॉरिडोर में कौन आया कौन गया, इससे स्पष्ट होता है कि खालिस्तान पंजाब में 2.0 योजना के तहत फिर से बढ़ावा देगा। य़ह भी कहा गया है कि करतारपुर गुरुद्वारा साहिब में कट्टरपंथी सिख भारत विरोधी प्रचार भी करेंगे। नाम न छापने की शर्त पर एक दूसरे सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि हमारे पास इस बात की ठोस जानकारी है कि पाक अरदास के लिए भारत से गुरुद्वारा आने वाले युवाओं को अपनी और आकर्षित करने के लिए उग्रवादी तत्वों और कट्टरपंथियों का सहारा लेगा।