Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Aug, 2017 12:54 AM
पंजाब में प्रॉपर्टी में छाई मंदी को दूर करने के लिए कुछ और महत्वपूर्ण कदम सरकार के एजैंडे में बताए जा....
जालंधर(धवन): पंजाब में प्रॉपर्टी में छाई मंदी को दूर करने के लिए कुछ और महत्वपूर्ण कदम सरकार के एजैंडे में बताए जा रहे हैं। पंजाब मंत्रिमंडल ने कल रजिस्ट्रियों पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी को 9 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत करने तथा सर्कल दरों में कमी लाने का निर्णय लिया। सरकारी हलकों ने बताया कि कैप्टन सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2002 से 2007 के बीच में जिस तरह से प्रॉपर्टी में बूम लाने के लिए कदम उठाए थे उसी तरह के कुछ और कदम आने वाले दिनों में सरकार उठा सकती है।
सरकारी हलकों ने बताया कि कालोनाइजरों को बार-बार चंडीगढ़ के दफ्तरों में चक्कर काटने की प्रथा को सरकार जल्द ही बंद करने जा रही है। पिछले कार्यकाल के दौरान छोटी कालोनियों को काटने के लाइसैंस जिला स्तर पर मिल जाया करते थे। अब भी सरकार जिला स्तर पर कालोनियों से जुड़े छोटे फैसले निपटाने के अधिकार दे सकती है। पिछले 10 वर्षों में प्रॉपर्टी की कीमतों में उछाल नहीं आ सका तथा प्रॉपर्टी में मंदी का दौर होने के कारण आम जनता व कालोनाइजर दोनों ही परेशान थे, इसीलिए सरकार ने पहले चरण में स्टाम्प ड्यूटी को घटाकर लोगों को प्रॉपॢटयों में निवेश करने की तरफ बढ़ाने के लिए कदम उठाया है।
पंजाब में स्टाम्प ड्यूटी अब 6 प्रतिशत हो गई है, जबकि हरियाणा में स्टाम्प ड्यूटी 8 प्रतिशत है। चंडीगढ़ में स्टाम्प ड्यूटी 5 प्रतिशत है। स्टाम्प ड्यूटी में कमी आने से अगर रजिस्ट्रयां होने की रफ्तार बढ़ती है तो सरकार को स्टाम्प ड्यूटी से मिलने वाले राजस्व में भी बढ़ौतरी हो जाएगी। सरकार कुछ समय तक आकलन करेगी कि 6 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी के कारण राजस्व में कितनी बढ़ौतरी होती है। अगर यह बढ़ौतरी पर्याप्त न हुई तो आने वाले समय स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत का और कट लगाने का मार्ग खुला रहेगा। कालोनाइजर मांग कर रहे हैं कि स्टाम्प ड्यूटी 5 प्रतिशत करने से राज्य में प्रॉपर्टी के क्षेत्र में सुधार देखने को मिलेगा। अभी तक लोग प्रॉपर्टी के सही दामों की बजाय कम मूल्य पर रजिस्ट्रेशन का कार्य करवा रहे हैं।
पंजाब प्रॉपर्टी डीलर्स एसो. का मानना है कि पिछले समय की मंदी के कारण कई युवा प्रॉपर्टी डीलर इस धंधे को छोडऩे का मन बना रहे थे, क्योंकि मंदी से उन्हें राहत नहीं मिल रही थी परन्तु अब स्टाम्प ड्यूटी में कमी आने से उनमें उम्मीद पैदा हुई है कि प्रॉपर्टी के अच्छे दिन पुन: लौटेंगे। कालोनाइजर व प्रॉपर्टी डीलर अभी कुछ और रियायतों की मांग कर रहे हैं ताकि छोटी कालोनियां काटने के लाइसैंस जिला स्तर पर ही जारी हो जाएं।