Edited By swetha,Updated: 03 Sep, 2018 08:39 AM
शिरोमणि अकाली दल ने सुप्रीम कोर्ट बार कौंसिल से मांग की है कि एडवोकेट एच.एस. फूलका का लाइसैंस रद्द कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए क्योंकि वह बादलों पर केस दर्ज करवाने के लिए विधानसभा से इस्तीफे की धमकी देकर गैर-कानूनी काम कर रहे हैं। कानूनन...
चंडीगढ़ (अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल ने सुप्रीम कोर्ट बार कौंसिल से मांग की है कि एडवोकेट एच.एस. फूलका का लाइसैंस रद्द कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए क्योंकि वह बादलों पर केस दर्ज करवाने के लिए विधानसभा से इस्तीफे की धमकी देकर गैर-कानूनी काम कर रहे हैं। कानूनन लोकतंत्र में ब्लैकमेङ्क्षलग और धमकी गैर-कानूनी है।
पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि हैरानी वाली बात यह है कि एडवोकेट फूलका पिछले कई वर्षों से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं परंतु पंजाब में वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ बिना किसी सबूत के केस दर्ज करवाने के लिए कांग्रेस सरकार को धमकियां दे रहे हैं। एडवोकेट फूलका की यह कार्रवाई न सिर्फ गैर-कानूनी और गैर-संवैधानिक है, बल्कि पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और उनकी बौखलाहट का सबूत है।
बार कौंसिल से अपील करते हुए डा. चीमा ने कहा कि कौंसिल को एक सीनियर एडवोकेट की ओर से सरकार को ब्लैकमेल कर उसको कानून का दुरुपयोग करने के लिए मजबूर करने के प्रयासों का गंभीर नोटिस लेते हुए उनका लाइसैंस तुरंत रद्द करना चाहिए। डा. चीमा ने कहा कि एडवोकेट फूलका पहले विपक्ष के नेता की भूमिका निभाने से भगौड़े हो गए थे और अब विधायक के तौर पर जिम्मेदारी से भी भागना चाहते हैं। फूलका सबसे छोटी अंगुली को खून लगाकर शहीद का खिताब हासिल करने के लिए उतावले हो रहे हैं।