Edited By Tania pathak,Updated: 13 Jul, 2020 05:17 PM
इस मामलो में प्रदूषण बोर्ड ने पहले सवाड़ा, हरसा बेला और बेईंहारा गड्ढों के ठेकेदारों को अवैध माइनिंग के लिए 315 करोड़ रुपए की पैनल्टी लगाई थी परन्तु माइनिंग विभाग की तरफ से यह रकम अभी तक रिकवर न करने कारण अब...
रूपनगर: रूपनगर में अवैध माइनिंग संबंधी सामाजिक कार्यकर्ता और आप नेता एडवोकेट दिनेश चड्ढा की तरफ से लम्बे समय से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पास लड़ी जा रही कानून लड़ाई में माइनिंग ठेकेदार पर सख़्त कार्यवाही के लिए ट्रिब्यूनल ने पंजाब प्रदूषण बोर्ड को हिदायत दी है। लम्बे समय से चल रहे इस मामलो में प्रदूषण बोर्ड ने पहले सवाड़ा, हरसा, बेला गड्ढों के ठेकेदारों को अवैध माइनिंग के लिए 315 करोड़ रुपए की पैनल्टी लगाई थी परन्तु माइनिंग विभाग की तरफ से यह रकम अभी तक रिकवर न करने कारण अब पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को ट्रिब्यूनल ने इस रकम की रिकवरी के लिए सख़्त कदम उठाने और ठेकेदारों को बलैकलिस्ट करने की हिदायत की है।
चड्ढा ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 2018 में एनजीटी को स्थानांतरित करने के बाद, ट्रिब्यूनल ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, निदेशक (खनन) और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक संयुक्त समिति से अवैध खनन को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए कहा था।
उस समय भी एनजीटी ने समिति को दो महीने के भीतर आरोपियों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक इस मामले में कुछ भी नहीं किया गया है। 2 साल बाद भी माइनिंग विभाग ऐन्न. जी. टी. के निर्देशों पर कार्यवाही करने में असफल रहा है। माइनिंग विभाग की तरफ से रिकवरी न होने की रिपोर्ट के बाद अब प्रदूषण बोर्ड को रिकवरी के लिए कहा गया है।