Edited By Updated: 19 Feb, 2017 03:33 PM
नोटबंदी के बाद 18 लाख लोगों द्वारा बैंक खातों में 4.5 लाख करोड़ से अधिक की संदिग्ध राशि जमा करने वालों को आयकर विभाग ने एस.एम.एस. और ई-मेल भेजा है।
लुधियाना (सेठी): नोटबंदी के बाद 18 लाख लोगों द्वारा बैंक खातों में 4.5 लाख करोड़ से अधिक की संदिग्ध राशि जमा करने वालों को आयकर विभाग ने एस.एम.एस. और ई-मेल भेजा है। इन सवालों का जवाब नहीं देने वालों को विभाग पत्र जारी कर सकता है। विभाग उन लोगों के सर्वे भी कर रहा है, जिनके बैंक खातों में ज्यादा नकदी जमा हुई है।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इन 18 लाख लोगों में से 5 लाख ने ई-फाइङ्क्षलग पोर्टल में पंजीकरण नहीं करवाया है। इनके बारे में फील्ड अधिकारियों को सूचित किया जा चुका है। साथ ही जवाब नहीं भेजने वालों के बारे में भी बताया गया और ऐसे लोगों को पत्र जारी करने को कहा गया है।
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद 50 दिन की अवधि में निश्चित स्रोत बताए बिना 4.5 लाख करोड़ रुपए की राशि विभिन्न बैंक खातों में जमा करवाई गई। आयकर विभाग के डाटा विश्लेषण के अनुसार नोटबंदी के बाद 50 दिन की अवधि में 1 करोड़ बैंक खातों में 2 लाख रुपए से अधिक की जमा राशि को मिलाकर कुल 10 लाख करोड़ रुपए जमा करवाए गए।
एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से 5 लाख रुपए से ज्यादा राशि वाले 18 लाख से अधिक खाताधारकों की पड़ताल की जा रही है। विभाग ने संबंधित खाताधारकों से एस.एम.एस. और ई-मेल के जरिए 15 फरवरी तक इसके स्त्रोत की जानकारी मांगी थी।
विभाग का कहना है कि नोटबंदी के दौरान कानून की अवहेलना करने वालों को विभाग छोडऩे के मूड में नजर नहीं आ रहा है। सूत्रों की मानें तो सोमवार से विभाग बड़े स्तर पर सर्वे करने का मन बन चुका है। इससे धनकुबेरों के लिए खतरा बढ़ सकता है। वैसे तो आयकर विभाग विधानसभा उम्मीदवारों के भी खाते खंगाल रहा है, जिससे आने वाले दिनों में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद जताई जा रही है।पता चला है के ई-मेल में उपभोक्ता की पूरी डिटेल मौजूद है और उसे देखने के लिए अपना पैन नंबर विभाग की वैबसाइट पर डालना पड़ता है, जिसके बाद बिना बोले आय करदाता विभाग के शिकंजे में है। यही कारण है कि अधिकतर लोग विभाग की वैबसाइट पर अपनी डिटेल खोलने से गुरेज कर रहे हैं।