Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Apr, 2018 12:25 PM
रेत खड्डों की नीलामी में नारंग आयोग से क्लीन चिट मिलने के बावजूद पूर्व मंत्री राणा गुरजीत की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। जिन दो रेत की खड्डों को लेने के मामले में राणा गुरजीत को आयोग ने बरी किया है उसकी 18 करोड़ की जमानत राशि को आयकर विभाग ने...
चंडीगढ़ : रेत खड्डों की नीलामी में नारंग आयोग से क्लीन चिट मिलने के बावजूद पूर्व मंत्री राणा गुरजीत की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। जिन दो रेत की खड्डों को लेने के मामले में राणा गुरजीत को आयोग ने बरी किया है उसकी 18 करोड़ की जमानत राशि को आयकर विभाग ने फ्रीज करने को कहा है।
विभाग का कहना है कि वह इस राशि के स्रोतों का पता लगाना चाहता है। आयकर विभाग के पत्र से सरकार के लिए मुश्किलें यह खड़ी हो गई हैं कि जमानत राशि के मामले में क्या किया जाए। नारंग आयोग की रिपोर्ट भी इस मामले में चुप है। राणा गुरजीत से संबंधित राजबीर एंट्रप्राइसेस जिसने नवांशहर जिले में दो रेत की खड्डें 26 करोड़ में ली थी, के मामले मे विपक्ष ने विरोध जताया था। इसके बाद नारंग आयोग बना था। जांच रिपोर्ट में राणा को क्लीन चिट दे दी गई, लेकिन इन खड्डों की बोली रद करने की सिफारिश कर दी गई। अब सरकार के सामने असमंजस है कि जमानत राशि और पहली किश्त को वापस करे या जब्त करे।
माइनिंग विभाग को अभी फैसला लेना है क्योंकि नारंग आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा बनाई गई कमेटी ने अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट में कोई साफ बात नहीं कही है। इससे पहले कि सरकार कोई फैसला करती आयकर विभाग के पत्र ने राणा की कंपनी की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। आयकर विभाग जमा करवाए गए 18 करोड़ रुपए के स्नोतों का जब तक पता नहीं लगा लेता तब तक यह राशि सरकार के पास ही रहेगी।