Edited By Des raj,Updated: 16 Sep, 2018 07:02 PM
सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया ने कई बार मेरे साथ मुलाकात की और सरबत खालसा होने से पहले भी इनकी तरफ से मेरे साथ बातचीत की गई और मुझे सरबत खालसा में शामिल न होने के लिए कहा गया, परन्तु मैंने उनकी बात नहीं मानी। यह खुलासा जत्थेदार भाई बलजीत सिंह...
जालंधर: सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया ने कई बार मेरे साथ मुलाकात की और सरबत खालसा होने से पहले भी इनकी तरफ से मेरे साथ बातचीत की गई और मुझे सरबत खालसा में शामिल न होने के लिए कहा गया, परन्तु मैंने उनकी बात नहीं मानी। यह खुलासा जत्थेदार भाई बलजीत सिंह दादूवाल ने पंजाब केसरी के साथ अपने एक इंटरव्यू के दौरान किया। दादूवाल ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल मेरे गुरूमत समागमों पर पाबंदियां लगाते रहे हैं। मैं कभी भी इनके लालच में नहीं आया।
उन्होंने कहा कि यह हमें बेकार कहते हैं परन्तु हम बेकार नहीं बल्कि, इन्साफ हैं। हम तो शांत होकर इन्साफ मंाग रहे हैं। उन्होंने खुलासा किया कि मेरे साथ कई बार सुखबीर और मजीठिया ने मुलाकात की। 6 नवंबर को चंडीगढ़ में एक निजी घर में मेरी एक घंटे उनके साथ मुलाकात हुई थी, जिस दौरान उन्होंने मुझे सरबत खालसा में न जाने के लिए कहा था परन्तु मैं इनके लालच में नहीं आया। मैंने उनको कहा था कि सरबत खालसा सिखों का हो रहा है, गुरबानी की बेअदबी हुई है, जो मैं सिख होकर वहां नहीं जाउंगा तो कौन जाएगा।
सुखबीर बादल की तरफ से लगाए गए आरोपों को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि मैं कभी भी कैप्टन को मिलने नहीं गया। मैं सिर्फ एक बार 6 जून को पंजाब भवन में ही मिला था। जस्टिस रणजीत सिंह की रिपोर्ट संबंधी सुखबीर की तरफ से कैप्टन के साथ 26 अगस्त को हुई मुलाकात के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मेरी कोई भी कैप्टन के साथ मुलाकात नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जिस दिन सुखबीर बादल अपनी, गलतियों को कबूलेंगे और यह भी मानेंगे कि दादूवाल की मुख्यमंत्री के साथ कोई मुलाकात नहीं हुई तो फिर मैं मीडिया के सामने आकर जवाब दूंगा कि मैं 26 अगस्त को कहां था। उन्होंने कहा कि मेरा किसी के साथ भी कोई जातिगत रंजिश नहीं है। यह मुझे इस करके टारगेट कर रहे हैं क्योंकि मैं इनके लालच में नहीं आया।