Edited By Updated: 11 Apr, 2017 12:08 PM
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संस्थापक अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा जिन्हें 2013 में श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में पंथ से निष्कासित कर दिया गया था,
अमृतसर (ममता, दीपक): हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संस्थापक अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा जिन्हें 2013 में श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में पंथ से निष्कासित कर दिया गया था, तख्त की ओर से लगाई गई सजा भुगतने के उपरांत तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के पास पहुंचे। ज्ञानी गुरबचन सिंह ने श्री झींडा को पंथ में पुन: शामिल करने के लिए अरदास की। इस से पहले झींडा ने लंगर हाल में एक घंटा संगत के जूठे बर्तन साफ करने की सेवा की और श्री दरबार साहिब में नतमस्तक होने के उपरांत कुछ समय कीर्तन भी श्रवण किया।
बाद में श्री झींडा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें अकाल तख्त पर बुलाया गया था परन्तु वह कुछ कारणों से नहीं आ सके थे और अब उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से लगाई गई तन्ख्वाह भुगत ली है। हरियाणा की एस.जी.पी.सी. को लेकर उन्होंने कहा कि हरियाणा की अलग कमेटी बन चुकी है जिसे हरियाणा सरकार ने मान्यता दे दी है और सुप्रीम कोर्ट में भी चलते केस का किसी समय पर भी उनके हक में निर्णय आ सकता है।
गत दिवस उन्हें हरियाणा कमेटी की अध्यक्षता से हटा कर दीदार सिंह नलवी को प्रधान बनाए जाने के बारे उन्होंने कहा कि नलवी पंथ में से निष्कासित है और वह कमेटी का प्रधान नहीं बन सकता। बाबा बलजीत सिंह दादूवाल बाणी बेचता है और लोगों को लूटता है, उसे कोई अधिकार नहीं कि वह अपने स्तर पर हरियाणा कमेटी की मीटिंग बुलाए।