RTA ने बेलगाम एजैंटों पर कसा शिकंजा

Edited By Anjna,Updated: 29 May, 2018 07:30 AM

how rta causes belgaum agents

परिवहन विभाग में काम करने वाले पूरी तरह से बेलगाम हो चुके बड़े एजैंटों पर शिकंजा कसने की कड़ी में आर.टी.ए. ने एक आदेश जारी करते हुए पुलिस से वैरीफाई करवाए बिना किसी भी एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट को स्वीकार न करने के लिए कहा है। उक्त आदेश तुरंत प्रभाव से...

जालंधर(अमित): परिवहन विभाग में काम करने वाले पूरी तरह से बेलगाम हो चुके बड़े एजैंटों पर शिकंजा कसने की कड़ी में आर.टी.ए. ने एक आदेश जारी करते हुए पुलिस से वैरीफाई करवाए बिना किसी भी एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट को स्वीकार न करने के लिए कहा है। उक्त आदेश तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा जिसके जारी होने से बाहरी राज्यों से यहां लाकर की जा रही चोरी के वाहनों की खरीद-फरोख्त अब संभव नहीं हो सकेगी।

गौर हो कि ‘पंजाब केसरी’ ने इस बात का प्रमुखता से खुलासा किया था कि कैसे बड़े एजैंटों द्वारा बाहरी राज्यों से लाकर प्रदेश में बेची जाने वाली गाडिय़ों की आर.सी. बनाने के लिए अनिवार्य दस्तावेज एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट को अपने दफ्तर में ही कम्प्यूटर सिस्टम पर बनाकर आवेदन के साथ लगाया जा रहा है और इसे बाहरी राज्यों से लाकर पंजाब में बेचे जाने वाले चोरी के वाहनों के लिए खुलकर इस्तेमाल किया जा रहा है तथा परिवहन विभाग में बिना पुलिस से चैक करवाए ही एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट आवेदन के साथ स्वीकार की जा रही हैं जिसका एजैंट अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी बात का कड़ा संज्ञान लेते हुए सैक्रेटरी आर.टी.ए. ने आदेश जारी किया है। 

पुलिस द्वारा सत्यापित एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट से जालसाजी की संभावना नहीं : सैक्रेटरी आर.टी.ए.
सैक्रेटरी आर.टी.ए. वरिंद्रपाल सिंह बाजवा ने कहा कि इस बात को अनिवार्य किया गया है कि केवल पुलिस विभाग द्वारा सत्यापित की गई एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट ही आवेदन में स्वीकार की जाए ताकि जालसाजी की संभावना को जड़ से खत्म किया जा सके।

अगर किसी बाहरी राज्य की गाड़ी को पंजाब में ट्रांसफर करवाया जाना है तो पुलिस विभाग की आधिकारिक वैबसाइट ‘वाहनसमन्वय’ पर जाकर जिस वाहन की एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट चाहिए उसकी जानकारी भरने पर एक कम्प्यूटर जैनरेटेड व्हीकल इंक्वायरी रिपोर्ट आती है जिसका पिं्रट निकालकर आर.सी. के आवेदन के साथ लगाना होता है। इस रिपोर्ट को संबंधित पुलिस विभाग से अटैस्ट करवाना होता है जिसके लिए बाकायदा तौर पर बनती फीस लेकर रिपोर्ट पर मोहर लगाकर हस्ताक्षर किए जाते हैं। पुलिस विभाग द्वारा अटैस्ट की गई रिपोर्ट से इसकी सत्यता स्थापित होती है और किसी प्रकार की जालसाजी का अंदेशा खत्म हो जाता है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!