Edited By Sonia Goswami,Updated: 02 May, 2018 09:07 AM
पंजाब में ‘अपना घर’ का सपना देखने वालों की उम्मीद पूरी नहीं हो पा रही है।
चंडीगढ़ (अश्वनी): पंजाब में ‘अपना घर’ का सपना देखने वालों की उम्मीद पूरी नहीं हो पा रही है। वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 41,472 मकान बनाने की मंजूरी दी थी लेकिन 2 साल में केवल 452 ही बन पाए। 14,505 मकानों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है लेकिन 27 हजार अधर में हैं। हालत यह है कि 11 हजार लोगों के आधार कार्ड तक ङ्क्षलक नहीं हो पाए। नतीजा लाभाॢथयों की डिटेल केंद्र के मैनेजमैंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एम.आई.एस.) में दर्ज नहीं है। इसलिए केंद्र ने राज्य सरकार को जल्द लाभाॢथयों की डिटेल उपलब्ध करवाने को कहा है।
83.57 करोड़ के यू.सी. नहीं दिए
2016 में स्कीम के तहत केंद्र ने मंजूरी के साथ राशि भी रिलीज कर दी थी। विभिन्न चरणों में जारी राशि को राज्य सरकार ने इस्तेमाल किया लेकिन 63.57 करोड़ के यूटीलाइजेशन सर्टीफिकेट (यू.सी.) जमा नहीं करवाए। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय नवीकरण योजना के तहत 20 करोड़ की राशि के यू.सी. भी जमा नहीं करवाए। अलबत्ता, योजना के तहत बनाए गए मकानों को अलॉट तक नहीं किया गया। हाल ही में सैंट्रल सैंक्शङ्क्षनग एंड मॉनीटरिंग कमेटी ने संज्ञान लेते हुए सरकार को जल्द यू.सी. जमा करवाने को कहा है। साथ ही मकानों को भी जल्द अलॉट करने के निर्देश दिए हैं।
झुग्गी-झाोंपड़ी पुनर्वास स्कीम भी अटकी
स्कीम के तहत झुग्गी-झोंपड़ी पुनर्वास योजना में भी राज्य सरकार फिसड्डी साबित हो रही है। हालत यह है कि एकमात्र मंजूरशुदा योजना को भी राज्य सरकार अब तक अमल में नहीं ला पाई है। 2016 में केंद्र ने बङ्क्षठडा में इन-सिटू स्लम रिहैब्लीटेशन के तहत 1025 मकानों के निर्माण को मंजूरी दी थी। बाकायदा केंद्र ने अपने हिस्से का 40 फीसदी यानी 4.10 करोड़ भी रिलीज कर दिए थे लेकिन अब तक योजना साकार नहीं हो पाई है।