‘सदन पंजाब सरकार को निर्देश दे कि वह SYL मुद्दे पर कुछ भी स्वीकार न करे’

Edited By Vaneet,Updated: 27 Aug, 2020 10:41 AM

house syl do not accept anything at issue

शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि सदन पंजाब सरकार को निर्देश दे...

चंडीगढ़(अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि सदन पंजाब सरकार को निर्देश दे कि वह एस.वाई.एल. के निर्माण से संबंधित किसी भी सवाल पर विचार करने से पहले नदी के पानी के संबंध में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य रिपेरियन सिद्धांत को लागू करने संबंधी सभी आवश्यक कानूनी, संवैधानिक और राजनीतिक उपाय करे।

उन्होंने कहा कि प्रस्ताव जोकि विधानसभा सचिवालय में नियम 77 के तहत कल प्रस्तुत किया गया, में इस बात पर जोर दिया गया है कि देश के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी नदी जल विवादों का निर्णय केवल रिपेरियन सिद्धांत के आधार पर किया गया है। ‘कोई कानूनी या संवैधानिक आधार उपलब्ध नहीं है कि इस सिद्धांत का घोर उल्लंघन करके केवल पंजाब के लोगों पर जोर देने के लिए उनकी नदियों के पानी को प्रभावित करने वाले किसी भी निर्णय या उद्देश्य के लिए नहर के निर्माण पर जोर दिया जाए।

अकाली दल प्रस्ताव में चाहता है कि सदन राज्य सरकार को निर्देश दे कि वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा 1980 में दायर याचिका के आधार पर पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के खंड 78 की संवैधानिता वैधता के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाए। बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राजनीतिक दबाव और निर्देशों के तहत पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री  दरबारा सिंह द्वारा इस मामले को वापस ले लिया गया था। सरदार बादल ने 1997 में मुख्यमंत्री के पद पर लौटने के बाद उच्चतम न्यायालय में फिर याचिका दायर की थी। शिरोमणि अकाली दल चाहता है कि सदन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सुप्रीम कोर्ट में उस मामले को आगे बढ़ाने का निर्देश दे।

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