Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Nov, 2017 05:23 PM
मुख्यमंत्री के शाही शहर में शायद ही कोई ऐसा दिन हो जिस दिन आवारा पशुओं के कारण कोई हादसा न घटा हो। पशुओं के रख-रखाव के लिए जिला प्रसाशन द्वारा समाना नजदीक गांव गाजीपुर में जिला स्तर की गौशाला भी बनाई गई है, परन्तु फिर भी आम लोगों को इस समस्या से...
पटियाला /रखड़ा(राणा) : मुख्यमंत्री के शाही शहर में शायद ही कोई ऐसा दिन हो जिस दिन आवारा पशुओं के कारण कोई हादसा न घटा हो। पशुओं के रख-रखाव के लिए जिला प्रसाशन द्वारा समाना नजदीक गांव गाजीपुर में जिला स्तर की गौशाला भी बनाई गई है, परन्तु फिर भी आम लोगों को इस समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है।
पिछले दिनों अदालत की तरफ से दिए आदेशों पर पशु पकड़ मुहिम चलाई गई थी, जो अब ठुस्स हो कर रह गई है। इतना ही नहीं नगर निगम के मुलाजिमों के साथ-साथ पशु पालन विभाग भी गहरी नींद में सो गया लगता है। प्रतिदिन हर गली मोहल्ले में आवारा कुत्तों और पशुओं की तरफ से मचाए जाते ‘गदर’ के कारण आम शहरी डरे-डरे रहते हैं। कई बार तो यह झुंड बना कर गलियों, सड़कों से गुजरते हैं जिससे किसी फिल्मी सीन की तरह दहशत फैल जाती है।
भिक्षा देने के चक्कर में मोबाइल, पर्स और अन्य सामान चोरी होना आम-सी बात
आवारा कुत्तों, आवारा सांड, बेसहारा गऊओं के अलावा शहर में अलग-अलग राज्यों से झुडों के रूप में पटियाला पहुंचे भिखारियों की अलग ही दहशत है। मिनी सचिवालय इलाका, फव्वारा चौक, शेरों वाला गेट, बस स्टैंड चौक, 22 नंबर पुल, लीला भवन चौक समेत शहर प्रमुख धार्मिक स्थान गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब, श्री काली माता मंदिर, गुरुद्वारा मोती बाग, अस्पतालों, जिला कचहरी, सरकारी दफ्तरों और शिक्षा संस्थानों के बाहर भिखारी भिक्षा मांगते आम देखे जा सकते हैं।
देश में भिक्षा मांगना जुर्म है, परन्तु यह जुर्म पुलिस और सिविल प्रसाशन की आंखों के सामने सरेआम किया जाता है और प्रसाशन मूक दर्शन बन कर देखने के अलावा कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है और कई बार भिक्षा देने के चक्कर में कई चार पहिया वाहन चालकों की गाडिय़ों में से मोबाइल, पर्स और अन्य सामान चोरी होना भी आम-सी बात हो गई है। यदि सी.एम. सिटी में यह हाल तो प्रदेश के दूसरे जिलों के अंदर क्या स्थिति होगी, इस बात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।