Edited By Sonia Goswami,Updated: 23 Apr, 2018 01:25 PM
पंजाब एडं हरियाणा हाईकोर्ट ने कैप्टन सरकार द्वारा कैबिनेट विस्तार दौरान 9 नए मंत्रियों की एंट्री पर जवाब मांगा है। इस केस की अगली सुनवाई 9 मई को होगी।
चंडीगढ़ः पंजाब कैबिनेट के विस्तार को रोकने के लिए हाईकोर्ट में दायर की गई पटीशन पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब तलब किया है। एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी की पटीशन को स्वीकार करते अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 9 मई पर डाल दी है। याचिकर्ता जगमोहन सिंह भट्टी ने आरोप लगाया है कि यह नियुक्तियां कानून के उलट की गई हैं।
स्मरण रहे कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अपनी लगभग 13 माह पुरानी सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार कर इसमें नौ नए चेहरों को शामिल किया। इसके अलावा उन्होंने अपनी दो महिला राज्य मंत्रियों(स्वतंत्र प्रभार) अरूणा चौधरी और रजिया सुल्ताना का दर्जा बढ़ाते हुए इन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया है।
मंत्रिमंडल में शामिल नए मंत्रियों में ओम प्रकाश सोनी, राणा गुरमीत सिंह सोढी, सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरप्रीत सिंह कांगड़, सुखविंदर सिंह सरकारिया, बलबीर सिंह सिद्धू, विजय इंदर सिंगला, शाम सुंदर अरोड़ा, भारत भूषण आशु तथा वर्ततान में शिक्षा राज्य मंत्री अरूणा चौधरी और लोक निर्माण राज्य मंत्री रजिया सुल्ताना हैं। इन सभी ने पंजाबी भाषा तथा कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। इस ताजा विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 18 हो गई है। मंत्री बढ़ते ही हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि इन 9 मंत्रियों की नियुक्ति कानून के अनुसार नहीं है।
उधर,पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर बगावत का दौर शुरू हो गया है। टांडा से विधायक संगत सिंह गिलजियां के इस्तीफे के बाद दो और कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। ये विधायक हैं अमरगढ़ से सुरजीत सिंह धीमान और बल्लूआना से नत्थू राम। अमरगढ़ से कांग्रेस विधायक सुरजीत धीमान और नत्थू राम ने मंत्रिंडल विस्तार से असतुंष्टि जाहिर करते हुए इस्तीफा दिया है।