Edited By Tania pathak,Updated: 19 Aug, 2020 03:39 PM
उपरांत साल -2011 में जारी सेहत वर्करों की अंतिम सीनियारता सूची में पटीशनरें को योग्य स्थान प्रदान किया गया, परन्तु 2017 में
मोहाली (प्रदीप): सेहत सेवाओं और परिवार भलाई पंजाब की तरफ से 2017 दौरान मल्टीपर्पज हैल्थ वरकर (मेल) की जारी की गई सीनियारता सूची (जिस में जूनियर हैल्थ वरकर को सीनियर दिखाया गया है और अब उसी सूची के आधार पर हैल्थ सुपरवायज़रों के पदों पर प्रमोट का कार्य आरंभ गया है) को चुनौती देते जसवीर सिंह, हैल्थ वर्कर, कम्युनिटी हैल्थ सैंटर, डेहलों (लुधियाना) और दूसरे की तरफ से अपने वकील के द्वारा दायर पेटिशन की सुनवाई करते पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस अनमोल रत्न सिंह की तरफ से पंजाब सरकार को 16 नंवबर, 2020 के लिए नोटिस जारी किया गया है।
केस की पैरवी करते वकील रंजीवन सिंह ने अदालत के ध्यान में लाया कि पैटीशनर साल -2000 में बतौर सेहत वर्कर भर्ती हुए थे। साल 2002 में सेहत वर्करों की आरज़ी सीनियारता सूची जारी करते विभाग की तरफ से भर्ती की मेरिट को पीछे कर दिया गया, जिस को साल 2010 में केवल सिंह की तरफ से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जिस की सुनवाई दौरान विभाग की तरफ से सबंधित पक्षों के ऐतराज को निपटाने के बाद में ही अंतिम सीनियारता सूची जारी करने का इकरार किया गया।
उपरांत साल -2011 में जारी सेहत वर्करों की अंतिम सीनियारता सूची में पटीशनरें को योग्य स्थान प्रदान किया गया, परन्तु 2017 में विभाग की तरफ से सेहत वर्करों की एक ओर सीनियारता सूची जारी की गई, जिस में जूनियर मुलाजिमों को सीनियर दिखाया गया। इस सम्बन्धित ऐतराज़ और कानूनी नोटिस के बिना अब विभाग की तरफ से निर्देश 23 जुलाई, 2020 के द्वारा 2017 में जारी सीनियारता सूची के आधार पर ही सेहत सुपरवाइजरों के पदों के लिए तरक्की का कार्य आरंभ किया गया है, जिसको पैटीशनर की तरफ से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट की तरफ से यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सेहत सुपरवाइजरों की होने वाली तरक्की हाईकोर्ट के आखिरी फैसले की शर्त पर होगी।