हैरोइन स्मगलिंग: पाक आतंकियों ने हैरोइन तस्करों से मिलाए हाथ

Edited By Vatika,Updated: 31 Aug, 2020 10:09 AM

heroin smuggling pak terrorists join hands with heroin smugglers

एकतरफ जहां पाकिस्तान से हैरोइन की तस्करी रोकने में सुरक्षा एजैंसियां बुरी तरह से नाकाम नजर आ रही हैं

अमृतसर(नीरज): एकतरफ जहां पाकिस्तान से हैरोइन की तस्करी रोकने में सुरक्षा एजैंसियां बुरी तरह से नाकाम नजर आ रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुख्यात हैरोइन तस्करों ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के साथ हाथ मिला लिया है, जो आने वाले दिनों में देश की सुरक्षा व हैरोइन तस्करी रोकने के लिए चलाए जा रहे अभियान के लिए घातक साबित हो सकता है। अमृतसर व तरनतारन जिले से संबंध रखने वाले व देश के सबसे बड़े हैरोइन तस्कर रणजीत सिंह उर्फ चीता के केस को ही देख लिया जाए तो सुरक्षा एजैंसियों की अपनी ही रिपोर्ट के अनुसार चीता पाकिस्तानी के खतरनाक आतंवादी संगठन हिजबुल के साथ मिलकर काम कर रहा था और जम्मू-कश्मीर में सरगर्म पाकिस्तानी आतंकवादियों को कई बार करोड़ों रुपयों की फंडिंग कर चुका था। 

पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के नैटवर्क की वजह से चीता आईसीपी अटारी बार्डर पर कस्टम विभाग की तरफ से पकड़ी गई 532 किलो हैरोइन व 52 किलो मिक्सड नॉर्कोटिक्स के केस में भी लगातार 11 महीने तक पकड़ा नहीं जा सका, जबकि इस केस की जांच देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजैंसी एन.आई.ए. (नैशनल इनवैस्टीगेशन एजैंसी) कर रही थी। अभी 532 किलो हैरोइन का मामला सुलझा भी नहीं था कि एस.टी.एफ. की तरफ से अमृतसर के सुल्तानविंड रोड इलाके में आकर 200 किलो हैरोइन व अन्य नशीले पदार्थों के साथ हैरोइन को प्रौसैसिंग करने की फैक्टरी पकड़ ली गई जो साबित कर रहा है कि अमृतसर इस समय हैरोइन की होल सेल मंडी बनता जा रहा है। हैरोइन तस्कर इतने बेखौफ हो चुके हैं कि वह किलो दो किलो नहीं, बल्कि किं्वटलों के हिसाब से ना सिर्फ हैरोइन मंगवा रहे हैं, बल्कि इस हैरोइन को कैमिकल्स के जरिए कई गुना ज्यादा बड़ा बनाने के लिए फैक्टरी तक लगाकर बैठे हुए हैं। 

हैरोइन तस्कर रणजीत चीते के स्लीपर सैल भी पकड़ से दूर
रणजीत सिंह चीते के 2-3 साथियों को गिरफ्तार करके सुरक्षा एजैंसियां दावा कर रही हैं कि चीते के सारे गैंग को पकड़ लिया गया है, जबकि एक सुरक्षा एजैंसी ने एन.आई.ए. को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि चीते के अमृतसर, तरनतारन व आसपास के इलाकों में 30 से ज्यादा स्लीपर सैल हैं, जिनका गिरफ्तार किया जाना जरूरी है। पिछले एक महीने से फिरोजपुर बार्डर में हैरोइन तस्करी के बड़े केस पकड़े जाने के बावजूद अभी तक सुरक्षा एजैंसियां बड़े तस्करों को गिरफ्तार नहीं कर पाई हैं और हर बार की तरह पुलिस की तरफ से अज्ञात तस्करों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करके पल्ला झाड़ लिया गया। अमृतसर से सटी बी.ओ.पी. राजाताल के तस्करों को भी अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, जबकि बार्डर फैंसिंग के रास्ते हैरोइन आने का सीधा मतलब यही है कि सीमावर्ती इलाके में हैरोइन तस्कर सरगर्म हैं और पाकिस्तान से हैरोइन मंगवाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जैसे ही धुंध का मौसम होता है या फिर गेहूं या धान की खड़ी फसल का मौसम आता है, हैरोइन तस्कर अपनी गतिविधियों को अंजाम देना शुरू कर देते हैं।

तरनतारन में मारे गए 5 पाक घुसपैठियों के लिंक भी तस्करों के साथ
हाल ही में तरनतारन से सटे बी.ओ.पी. डल्ल में बी.एस.एफ. की तरफ से मारे गए पांच पाकिस्तानी घुसपैठियों के मामले में भी हैरोइन तस्करों व पाकिस्तानी आतंकवादियों के आपसी लिंक होने की संभावना जताई जा रही है, जिस प्रकार से मारे गए घुसपैठियों से हैरोइन व हथियारों की खेप पकड़ी गई है, वह साबित कर रहा है कि मारे गए घुसपैठिये हैरोइन की सप्लाई के साथ-साथ हथियारों की सप्लाई करने भी आए थे।


अफगानी तस्करों का पंजाब के तस्करों से डॉयरैक्ट लिंक भी खतरनाक
हैरोइन की पैदावार करने वाले अफगानिस्तान के तस्करों का पंजाब के तस्करों के साथ डॉयरैक्ट ङ्क्षलक हो जाना भी काफी खतरनाक है। एस.टी.एफ. की तरफ से पकड़ी गई 200 किलो हैरोइन की खेप के मामले में एक अफगानी तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया था, जो अमृतसर के तस्करों को हैरोइन की कैमिकल्स के जरिए प्रौसैसिंग करने की ट्रेनिंग देने आया था। किस प्रकार से एक किलो हैरोइन को कैमिकल्स के जरिए प्रोसैसिंग करके 4 से 5 किलो बनाना है। इसका तरीका अफगानी तस्कर बड़ी अच्छी तरह से जानते हैं और इसकी ट्रेनिंग देने के लिए ही अमृतसर आ रहे हैं, जो पंजाब की युवा पीढ़ी के लिए बहुत ही ’यादा खतरनाक है। 

सीमावर्ती इलाके में दूर से ही पहचाना जाता है अनजान आदमी
बार्डर फैंसिंग के जरिए हैरोइन की होने वाली तस्करी में यह भी हैरानीजनक पहलू है कि जब किसी बार्डर फैंसिंग के पास या फिर बार्डर की तरफ कोई साधारण व्यक्ति जाता है तो सुनसान होने के कारण रास्ते का ही पता नहीं चलता है। इतना ही नहीं सीमावर्ती इलाकों जिसमें विशेष तौर पर फैंसिंग के पास स्थित गांवों के लोग अपने इलाके में आने वाले अनजान व्यक्ति को दूर से पहचान लेते हैं। रात के समय में सीमावर्ती इलाकों में रोशनी की भी व्यवस्था सरकार की तरफ से नहीं की गई है ऐसे में हैरोइन तस्कर रात के समय या फिर घनी धुंध में सुबह के समय बार्डर फैंसिंग के पास कैसे पहुंच जाते हैं यह एक बड़ा सवाल है।

प्रशासन को नशे के खिलाफ अभियान सख्ती से चलाने की जरुरत
हैरोइन की बिक्री व हैरोइन की डिमांड को रोकने के लिए जिला प्रशासन को नशे के खिलाफ जारी अभियान को उसी प्रकार से सख्ती के साथ चलाने की जरुरत है जैसे कैप्टन सरकार ने सत्ता में आने के शुरुआती दिनों में चलाया था। काम न करने वाले, फोन न उठाने वाले व खोखले दावे करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले भी किए जाने की सरकार को सख्त जरुरत है।

यही हाल रहा तो पंजाब की तीसरी पीढ़ी को भी खा जाएगा चिट्टा
 आतंकवाद के दौर में पंजाब की युवा पीढ़ी को भारी नुकसान हुआ अब दूसरी पीढ़ी को चिट्टा खोखला करता जा रहा है। चिट्टे पीने वाले नौजवान जिन्दा लाश बनते जा रहे हैं। दूसरी पीढ़ी खोखली हो रही है पढ़े लिखेनौजवान विदेशों में जा रहे हैं ऐसे में यदि इसी प्रकार से चिट्टे की फैक्टरियां चलती रहीं तो आने वाली तीसरी पीढ़ी जन्म ही नहीं ले पाएगी।

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