Edited By swetha,Updated: 21 Jan, 2019 10:50 AM
पंजाब सरकार की तरफ से नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में जहां अलग-अलग सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से अभी तक सैकड़ों की संख्या में हैरोइन तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। वहीं किसान के वेश में छिपे तस्कर बार्डर फैंसिंग के पास लीज पर खेतीबाड़ी...
अमृतसर(नीरज): पंजाब सरकार की तरफ से नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में जहां अलग-अलग सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से अभी तक सैकड़ों की संख्या में हैरोइन तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। वहीं किसान के वेश में छिपे तस्कर बार्डर फैंसिंग के पास लीज पर खेतीबाड़ी की जमीन लेकर हैरोइन तस्करी का खेल खेलते नजर आ रहे हैं। किसान के भेष में तस्करों को ट्रेस कर पाना बी.एस.एफ. सहित अन्य सुरक्षा एजैंसियों के लिए भी एक चुनौती बना हुआ है। हैरोइन तस्करों के साथ सांठगांठ करने वाले किसान के भेष में तस्कर बार्डर फैंसिंग के पास ठेके पर खेतीबाड़ी वाली जमीन लेते हैं। उसके बाद खेतीबाड़ी की आड़ में हैरोइन तस्करी का काम शुरू कर देते हैं। साल 2018 के दौरान ही बी.ओ.पी. रीयर कक्कड़ व अन्य बी.ओ.पी. में एन.सी.बी.की तरफ से कुछ किसानों को नोटिस भेजे जाने के बाद किसान फरार हो चुके हैं।
एन.सी.बी. के समक्ष पेश नहीं हो रहे हैं। यह वह किसान हैं जिनके खेतों में हैरोइन की खेप दबी हुई पकड़ी गई हैं। ऐसे मामलों में पता चला है कि जमीन के मालिकों ने अपनी जमीन को ठेके पर दे दिया होता है। इन हालात में यदि हैरोइन की खेप पकड़ी जाती है तो जमीन मालिक नहीं बल्कि जमीन पर खेती करने वाले ठेकेदार किसान को सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से जांच में शामिल होने के लिए बुलाया जाता है। अभी कुछ दिन पहले ही रीयर कक्कड़ बी.ओ.पी. में 5 करोड़ की हैरोइन पकड़े जाने के मामले में जिस किसान को नोटिस भेजा गया वह भी अभी तक एन.सी.बी. के समक्ष पेश नहीं हुआ है।
तस्करों के लिए वरदान साबित हो रहा व्हाट्सएप
व्हाट्सएप जहां एक-दूसरे के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करने व एक- दूसरे को संदेश देने के लिए आम जनता के लिए सुविधा का साधन बना हुआ है लेकिन इसका नकारात्मक पहलू भी है। आज देश की सुरक्षा एजैंसियों के लिए व्हाट्सएप सिरदर्द बन चुका है और तस्करों के लिए वरदान साबित हो रहा है। व्हाट्सएप कॉल ट्रेस न होने के कारण भारतीय व पाकिस्तानी तस्कर एक-दूसरे के साथ व्हाट्सएप कॉल जिसमें वीडियो कॉल भी शामिल होती है उससे एक-दूसरे के साथ संपर्क साधते हैं। यहां तक की हैरोइन फैंके जाने वाले स्थान की लोकेशन की फोटो तक आपस में शेयर करते हैं जिनको ट्रेस करना सुरक्षा एजैंसियों के लिए आसान काम नहीं है। यही कारण है कि केन्द्र सरकार व्हाट्सएप चलाने वाली कंपनी पर बार-बार दबाव डाल रही है कि वह व्हाट्सएप का प्रयोग करने वाले लोगों की अंदरुनी जानकारी सरकार को दे, लेकिन कंपनी को यह मंजूर नहीं है। हालांकि कंपनी ने अपने काम करने के तौर तरीके में कुछ बदलाव जरूर किए हैं लेकिन यह बदलाव सुरक्षा एजैंसियों के नजरिए से नाकाफी हैं।
लैंडमार्क्स के पास छिपाई जाती है हैरोइन की खेपबार्डर फैंसिंग के आसपास होने वाली हैरोइन की तस्करी के मामले में किसान के भेष में तस्कर आमतौर पर फैंसिंग के पार बने महत्वपूर्ण लैंडमाक्र्स के आसपास हैरोइन की खेप को छिपाते हैं। यह लैंडमार्क्स फैंसिंग के पार बने ट्यूबवैल, बिजली के ट्रांसफार्मर्स, वट या पीपल के वृक्ष, सरकंडे आदि होते हैं जहां पाकिस्तानी तस्कर रात के अंधेरे में आकर इन लैंडमार्क्स के आसपास हैरोइन की खेप छिपा देते हैं और भारतीय खेमें से जब किसान के रूप में भेष बदलने वाले तस्कर फैंसिंग के पार खेतीबाड़ी करने जाते हैं तो बी.एस.एफ. को चकमा देकर हैरोइन की खेप को निकाल लेते हैं। हैरोइन की खेप को निकालने के बाद तस्कर इसको अलग-अलग तरीकों से अपने खेतीबाड़ी उपकरणों में छिपाकर लाते हैं या फिर कोई अन्य तरीका अपनाते हैं।
पाकिस्तान रेंजर्स सरेआम करते हैं तस्करों की मदद
भारत-पाक रिश्तों की बात करें तो यह साबित हो चुका है कि पाकिस्तानी खुफिया एजैंसियां भारतीय युवाओं को नशेड़ी बनाने के लिए व भारत में आर्थिक आतंकवाद लाने के लिए हैरोइन की खेप, जाली करंसी व आतंकी हमलों की साजिश कर रही है इसका सबूत पाकिस्तान से सटे पंजाब बार्डर पर भी सरेआम देखने को मिलता है। पाकिस्तानी तस्कर रात के समय में सरेआम हैरोइन की खेप को लैंडमाक्र्स के पास छिपाते हैं या फिर फैंसिंग के पास आकर प्लास्टिक पाइप के सहारे फैंकते हैं।
बी.एस.एफ. की तरफ से पाकिस्तानी तस्करों पर फायरिंग भी की जाती है लेकिन फायरिंग की आवाज जो रात के सन्नाटे व खुले मैदान कई किलोमीटर तक सुनाई देती है वह पाकिस्तान रेंजर्स को सुनाई नहीं देती है। यहां तक कि पाकिस्तानी तस्करों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान रेंजर्स लाशों को भी लेने से इन्कार कर देते हैं।
हैरोइन तस्करों की तरफ से अभी तक अपनाए गए तरीके
*ट्रैक्टर के पार्ट्स में हैरोइन छिपाकर लाना।
*ट्रैक्टर के साथ अटैच जमीन की बुआई करने के लिए लगी ऑयरन फट्टी।
*बैलगाड़ी के टॉयरों में हैरोइन की खेप छिपाना।
*प्लास्टिक की बोतलों में लस्सी की बजाय हैरोइन भरकर लाना।
*काले रंगे की टेप में हैरोइन की खेप पैक करके नाड़ जले खेत में फैंकना।